ये हैं वो 7 वजहें जिनके चलते अभी तक गौरी लंकेश की हत्या में पुलिस को कुछ नहीं हुआ हासिल
नई दिल्ली। हत्या के दो दिन बाद भी अभी तक पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जांच में पुलिस के हाथ कुछ नही लगा है। पुलिस का कहना है कि इस हत्या में भी वही तरीका अपनाया गया है जो एमएम कलबुर्गी सरीखी ही थी। पुलिस के पास अभी कुछ नहीं है। हालांकि शुरू में पुलिस की ओर से जो बयान दिए गए वो मीडिया को परेशान कर रहे हैं। बता दें कि पुलिस के पास फिलहाल एक धुंधला सीसीटीवी फुटेज है, जिसमें हेलमेट पहने शख्स दिख रहा है। लेकिन उसके साथ वाल शख्स का चेहरा साफ नहीं दिख रहा है।
दूसरे शख्स का कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं
फुटेज में ही एक दूसरी कार की रोशनी दिख रही है उसी पर पुलिस फिलहाल आश्रित है । पुलिस यह मान रही है कि मोटरसाइकिल पर एक अन्य शख्स, शूटर का इंतजार कर रह था। फिलहाल दूसरे शख्स का कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं है और पुलिस कल्पना पर ही काम कर रही है। पुलिस उन कॉल्स की रिकॉर्ड की भी छानबीन कर रही है जो उस इलाके में हत्या से पहले किए गए।
25 मिनट बाद पहुंची पुलिस
- पुलिस घटना स्थल पर 25 मिनट बाद पहुंची। इस दौरान कई लोग घटना स्थल के आसपास से गुजरे। इतना ही नहीं वो मृतक के घर में भी गए। आशंका इस बात की भी है कि कई महत्वपूर्ण सबूत या तो इधर उधर कर दिए गए या फिर हटा दिए गए।
- इतना ही नहीं वो भी लोग जो खुद को घटना का चश्मदीद बता रहे हैं उन्होंने पूछताछ के डर से अपने घर के दरवाजे बंद कर लिए। कई लोग तो दूसरी जगह तक चले गए।
- घटनास्थल पर डॉग स्कॉड नहीं था।
- जिस इलाके में गौरी की हत्या हुई वो चेन छीनने वाले मामलों के लिए कुख्यात है। इस क्षेत्र में आम तौर पर पुलिस तैनाती होती, लेकिन इस बार एक भी पुलिस का जवान यहां नहीं था। सभी पुलिस भाजपा की बाइक रैली के लिए तैनात किए गए थे।
- सीसीटीवी फुटेज को हासिल करने के लिए पुलिस ने चार घंटे से अधिक समय लिया। उन्हें सीसीटीवी फुटेज कैसे हासिल हुई ये अब तक स्पष्ट नहीं है।
- घटना के तुरंत बाद पुलिस ने आने जाने के रास्ते बंद कर दिए। हालांकि पुलिस यह निर्देश देना भूल गई कि किसे इलाके के बाहर जाने देना है और किसे नहीं।
- जांच की शुरुआत में ही समन्वय की कमी थी। बता दें कि मंगलवार (5 सितंबर) को रात गौरी लंकेश की हत्या कर दी गई थी।
घटनास्थल पर नहीं था डॉग स्कॉड
समन्वय की कमी थी