600 बच्चों ने भोगी पर्व पर कपड़े जलाने की बजाए दान देने की शपथ ली
चित्तूर। दक्षिण भारत में मनाए जाने वाले भोगी पांदीगाई पर्व में इस बार कुप्पम के जेडपी हाई स्कूल की 600 छात्राओं ने संकल्प लिया है कि वह इस बार भोगी पर्व में अपने पुराने कपड़े व सामान को नहीं जलाएंगी, बल्कि इन कपड़ो को व सामान को वह चित्तूर के पुलिस विभाग व जिला अस्पताल को दान देंगी, ताकि इसे जरूरतमंदों को दिया सके। एसपी एसवी राजशेखर बाबू ने इसके लिए स्कूल के भीतर संक्रांति से पहले एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमे छात्राओं ने यह संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि युवाओं को सकारात्मक सोच के साथ प्रेरित किया जा सकता है।
बच्चे
काफी
कारगर
राजशेखर
बाबू
ने
कहा
कि
छात्र
पहले
ही
सड़क
सुरक्षा
अभियान
के
तहत
हेलमेट
पहनने
के
लिए
प्रेरित
करने
में
अहम
भूमिका
निभा
रहे
हैं,
लेकिन
अब
हम
उन्हें
दान
देना
सिखाना
चाहते
हैं।
चित्तूर
अस्पताल
में
चैरिट
वॉल
जोन
का
गठन
किया
गया
है,
जिसे
आम
लोग
चला
रहे
हैं।
सैकड़ों
लोग
यहां
लोगों
की
जरूरत
का
सामान
दान
कर
रहे
हैं,
जिससे
की
गरीबों
की
मदद
हो
सके।
लोग
यहां
चावल,
कपड़े
और
अन्य
चीजें
दान
कर
रहे
हैं।
भोगी
पर्व
के
दौरान
कई
परिवार
अपने
पुराने
कपड़े,
किताब,
जूते,
स्कूल
बैग,
आगे
में
फेंक
देते
हैं,
ऐसे
में
यह
सामान
जरूरतमंद
लोगों
के
लिए
काफी
अहम
साबित
हो
सकता
है।
गरीबों
के
काम
आएंगे
सामान
एसपी
ने
कहा
कि
छात्रों
को
इस
बात
के
लिए
प्रेरित
करके
हम
जरूरतमंदों,
गरीबों
की
मदद
कर
सकते
हैं
और
सामान
को
जलाने
की
परंपरा
को
खत्म
कर
सकते
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
इस
तरह
के
कई
और
कार्यक्रम
का
आयोजन
किया
जाएगा
जहां
छात्र
लोगों
को
इस
बात
का
संदेश
देंगे
कि
आप
अपने
सामान
को
जलाने
की
बजाए
इसे
गरीबों
को
दान
दें
जिससे
की
वह
किसी
के
काम
आ
सके।
बच्चों
को
किया
गया
प्रेरित
स्पेशल
ब्रांच
अधिकारी
डीजी
राममूर्ती
ने
ने
बच्चों
को
शपथ
दिलाने
के
कार्यक्रम
का
आयोजन
किया
था,
उन्होंने
कहा
कि
इस
दौरान
बच्चों
को
इस
बात
की
भी
सलाह
दी
गई
कि
वह
बिना
अभिभावकों,
शिक्षकों
के
झील,
तालाब
में
तैरने
के
लिए
नहीं
जाएं,
वह
छुट्टी
के
दौरान
किसी
की
निगरानी
में
ही
पानी
में
उतरे।
साथ
ही
बच्चों
को
इस
बात
के
लिए
भी
प्रेरित
किया
गया
है
कि
वह
अपने
माता-पिता
को
गाड़ी
चलाने
से
पहले
हेलमेट
पहनने
व
सीट
बेल्ट
बांधन
के
लिए
कहे।