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पत्रकारों पर काल बनकर टूटा कोरोना का कहर, पूरे देश में 300 से ज्यादा मीडियाकर्मी गंवा चुके अपनी जान

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नई दिल्ली, मई 18: पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर ने अपना रौद्र रूप धारण कर रखा है। हालांकि पिछले तीन दिनों में कोरोना के नए मामलों में कमी देखने को मिली है, लेकिन मौत का आंकड़ों में कोई गिरावट दर्ज नहीं हो रही है। आज भी 4329 लोगों ने कोरोना के कारण अपनी जान गंवाई है। इस बीच पहली लहर के बाद इस संक्रमण का सबसे ज्यादा बुरा असर पत्रकारों पर पड़ा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कई जाने-माने पत्रकारों सहित 300 से अधिक मीडियाकर्मियों ने अपनी जिंदगी खोई हैं।

 corona virus

पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान बड़ी संख्या में फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी की जान गई थी, जिसके बाद देश में शुरू हुए वैक्सीनेशन अभियान में सबसे पहले उन्हें प्राथमिकता देते हुए टीका लगाया गया था। वहीं अब दूसरी लहर में अपनी फ्रंटलाइन वर्कर्स का ग्राफ पहले की तुलना में काफी कम है, लेकिन इस बार की दूसरी लहर ने पत्रकार पर जमकर अपना कहर बरपाया है।

कोरोना की दूसरी लहर से कई वरिष्ठ पत्रकारों के साथ-साथ भारत के कई जिलों, कस्बों और गांवों में काम करने वाले पत्रकारों ने भी अपनी जिंदगी खोई है। दिल्ली में इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2020 से 16 मई 2021 तक कुल 238 पत्रकारों की मौत हुई है, ये ऐसे मामले हैं जिनकी पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा संस्थान में 82 अन्य नाम हैं, जिनका सत्यापन होना बाकी है।

रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल से दिसंबर 2020 तक महामारी की पहली लहर ने 56 पत्रकारों की जान ले ली थी। इसकी तुलना में दूसरी लहर ने 1 अप्रैल 2021 से 16 मई 2021 के बीच 171 पत्रकारों की जान ले ली है। बाकी 11 पत्रकारों की मौत जनवरी से अप्रैल के बीच में हुई हैं। इंस्टिट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज ने उन सभी पत्रकारों को इस लिस्ट में शामिल किया है, जो फील्ड में न्यूज कवर करने या ऑफिस में काम करने के दौरान संक्रमित होने के बाद मौत के मुंह में गए हैं। इनमें मीडिया संस्थानों के पत्रकार, स्ट्रिंगर, फ्रीलांसर, फोटो जर्नलिस्ट और सिटीजन जर्नलिस्ट शामिल हैं।

वहीं एक अन्य नेटवर्क ऑफ वीमेन इन मीडिया, इंडिया ने भी कहा है कि कोविड -19 के कारण लगभग 300 पत्रकारों की मौत हुई हैं। आंकड़ों के मुताबिक तेलंगाना में 39 पत्रकारों की मौत हुई है, जो राज्यों में सबसे ज्यादा है। उत्तर भारत में सबसे अधिक संख्या 37 पत्रकारों की संक्रमण से मृत्यु हो गई है। इसके बाद दिल्ली में 30, महाराष्ट्र में 24, ओडिशा में 26, मध्य प्रदेश में 19 पत्रकारों की मौत हुई है। इनमें वे 82 मौतें शामिल नहीं हैं, जिनकी पुष्टि होनी बाकी है। कोरोना से मरने वाले पत्रकारों में से लगभग 55 प्रतिशत पत्रकार प्रिंट मीडिया से, 25 प्रतिशत टीवी और डिजिटल मीडिया से और 19 प्रतिशत स्वतंत्र पत्रकार हैं।

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आपको बता दें कि देश के करीब 16 राज्य सरकारों ने पत्रकारों को फ्रंटलाइन वॉरियर्स घोषित कर दिया है, जिनमें एमपी, यूपी, उत्तराखंड, बिहार, पंजाब, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तमिलनाडु, मणिपुर, कर्नाटक और केरल शामिल हैं।

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English summary
300 journalists died due to corona virus in all india
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