अक्टूबर में अनौपचारिक सम्मेलन के लिए भारत आ सकते हैं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग
नई दिल्ली। देश में इस समय लोकसभा चुनाव चल रहे हैं लेकिन इसके बीच ही चीन ने अगले अनौपचारिक सम्मेलन के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी यह सम्मेलन भी वुहान जैसा ही होगा और इस बार इसका आयोजन भारत में होगा। सम्मेलन का मकसद अप्रैल 2018 में वुहान में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात को आगे बढ़ाना होगा। साथ ही अहम मुद्दों पर दोनों देशों के बीच आए मतभेदों को दूर करने की एक कोशिश भी की जाएगी।
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भारत चाहता था नवंबर में हो मुलाकात
भारत की ओर से सम्मेलन के आयोजन के लिए नवंबर माह का सुझाव दिया गया है। अक्टूबर में इस सम्मेलन को आयोजित करने पर रजामंदी बनी है। बीजिंग का मानना है कि सम्मेलन का आयोजन इस प्रकार से हो कि इस बार दोनों देशों के बीच मुलाकात एक मील का पत्थर साबित हो। साथ ही वुहान सम्मेलन में जो मौके दोनों देशों को मिले थे, वे भी कमजोर नहीं पड़ने चाहिए। भारत और चीन के बीच कई ऐसे मुद्दे हैं जो टकराव की वजह बनते जा रहे हैं, खासतौर पर अरुणाचल प्रदेश और बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) सबसे अहम हो गए हैं।
वुहान से अलग होगी यह समिट
भारत हमेशा से ही बीआरआई को देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा बताता आया है। इसके अलावा पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन भी समिट का एजेंडा होंगे। आधिकारिक सूत्रों की ओर से बताया गया है कि इस बार यह सम्मेलन वुहान से कुछ अलग हो सकता है। सूत्रों की मानें तो वुहान समिट का आयोजन जब हुआ तो दोनों देशों के बीच डोकलाम विवाद को सुलझे एक वर्ष का समय भी नहीं हुआ था। ऐसे में वुहान समिट का मकसद संबंधों को फिर से सामान्य करना था।
वुहान से लौटा भरोसा
जिनपिंग और मोदी की तरफ से कई तरह के रणनीतिक संदेश दिए गए ताकि दोनों देशों की सरकारों के बीच बेहतर तालमेल हो सके। वुहान समिट ने दोनों देशों के बीच खोए हुए भरोसे को बहाल करने का काम किया था। भारत और चीन के बीच इस समय जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को लेकर खासा तनाव बना हुआ है। हालांकि चीन की ओर से भरोसा दिलाया गया है कि मसूद अजहर के मुद्दे पर यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) में तरक्की हो रही है। वहीं हाल ही में भारत ने बीआरआई पर आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में शामिल न होने का ऐलान कर दिया है। यह दूसरा मौका है जब भारत इसका बहिष्कार करेगा।
चर्चा के लिए चीन के पास हैं मुद्दे
सूत्रों की ओर से कहा गया है कि चीन इस बार के अनौपचारिक सम्मेलन में बीआरआई, सीमा विवाद और दलाई लामा के अलावा व्यापार और निवेश पर भारत से चर्च कर सकता है। अभी तक इस बात पर फैसला नहीं लिया जा सका है कि सम्मेलन कहां पर आयोजित होगा। सूत्रों की मानें तो जगह ऐसी होगी जिसका भारत के लिए एतिहासिक महत्व हो और साथ ही जहां पर दोनों नेता अकेले में चर्चा कर सकें।