2+2 डायलॉग: रूस के साथ डिफेंस डील पर अड़ा रहेगा भारत, अमेरिका से होगी बात
नई दिल्ली। भारत ने कहा है कि रूस के साथ हुई एस-400 मिसाइल डील के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होगी। अमेरिका के साथ होने वाली टू प्लस टू वार्ता के में रूस के साथ हुई करीब 40,000 करोड़ की डिफेंस डील पर भारत चर्चा करेगा, जिसमें इस डील पर बने रहने की बात होगी। सूत्रों के मुताबिक, भारत क्षेत्रीय सुरक्षा की पृष्ठभूमि के साथ ही रूस के साथ अपने करीबी रक्षा सहयोग के मद्देनजर मिसाइल प्रणाली को लेकर अपनी जरूरतों का हवाला देते हुए इस बडी डील के लिए ट्रंप प्रशासन से छूट की मांग कर सकता है। भारत और अमेरिका के बीच नई दिल्ली में 6 सितंबर को टू प्लस टू वार्ता होने वाली है।
रूस के साथ डील रद्द करना भारत के लिए मुश्किल
भारत ने कहा कि अमेरिका को इस बात का अवगत कराया जाएगा कि रूस के साथ एस-400 मिसाइल डील लगभग पूरी हो चुकी है। अमेरिका चाहता है कि रूस पर जो उन्होंने प्रतिबंध लगाए, उसका भारत पूरा पालन करें। वहीं, अमेरिका के दबाव में आकर दशकों से भारत को हथियार उपलब्ध करवा रहे रूस के साथ डील करना नई दिल्ली के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो रही है। अमेरिका ने अपने काट्सा (ountering America's Adversaries Through Sanctions Act) एक्ट रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं।
प्रतिबंधों की धमकी दे चुका है अमेरिका
अमेरिका ने पिछले सप्ताह भारत को धमकी दी थी कि अगर वे रूस के साथ हथियारों की डील जारी रखते हैं, तो उन्हें प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण वार्ता से पहले अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के एक सीनियर ऑफिसर की ओर से भारत को रूस के साथ होने वाली डिफेंस डील को लेकर चेतावनी दी जा चुकी है। अमेरिकी उप-रक्षा मंत्री की ओर से कहा गया है कि रूस के साथ हथियारों की डील के बाद भारत पर प्रतिबंध नहीं लगेंगे इस बात की कोई गारंटी नहीं हैं।
टू प्लस टू वार्ता में इन मुद्दों पर रहेगा फोकस
भारत और अमेरिका के बीच पहली टू प्लस टू वार्ता नई दिल्ली में होने जा रही है, जिसमें भारत की तरफ से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिका की ओर से उनके डिफेंस सेक्रेटरी जिम मैटिस और विदेश मंत्री माइक पोंपियो शामिल होंगे। इंग्लिश डेली 'द हिंदू' के मुताबिक, इस मीटिंग में सबसे ज्यादा अपेक्षा कॉमकासा समझौते (कम्युनिकेशन कम्पैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट) को लेकर है। इसके होने पर दोनों देश सुरक्षित सैन्य संवाद स्थापित कर सकेंगे। अमेरिका के मुताबिक, दोनों देशों के बीच एक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर फोकस रहेगा। इस वार्ता में साउथ एशिया और इंडो पैसिफिक की सिक्योरिटी को लेकर दोनों देश विस्तार से चर्चा कर सकते हैं। वहीं, रूस के साथ हुई एस-400 मिसाइल डील को लेकर अमेरिका से भारत बात कर सकता है।
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