1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के गुनहगार मुस्तफा डोसा की मौत
1993 मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट केस में दोषी करार दिए मुस्तफा डोसा की मौत हो गई है।
मुंबई। 1993 मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट केस में दोषी करार दिए मुस्तफा डोसा की मौत हो गई है। उसे अचानक सीने में दर्द की शिकायत के बाद जेजे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुस्तफा को डायबिटीज और हाइपरटेंशन की भी शिकायत थी।
16 जून को मुंबई की टाडा कोर्ट ने दौसा को गुनहगार करार दिया था। उसने टाडा कोर्ट को अपनी हार्ट प्रॉब्लम के बारे में भी बताया था। इसे ब्लास्ट केस में उसे फांसी की सजा भी मिल सकती थी।
सीबीआई ने मांगी थी मुस्ताफ के लिए सजा ए मौत
मुस्तफा डोसा के लिए मंगलवार को ही सीबीआई ने फांसी की सजा की मांग की थी। डोसा के साथ-साथ फिरोज खान के लिए भी मौत की सजा की मांग रखी गई है। दरअसल 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के मामले में मुंबई की टाडा कोर्ट ने अबू सलेम समेत सात को दोषी करार दिया है। इसमें मुस्तफा डोसा का भी नाम शामिल है। मुस्तफा को हत्या और साजिश का दोषी पाया गया है।
मुंबई में बम विस्फोट का मास्टर-माइंड था मुस्तफा डोसा
1993 के मुंबई बम धमाकों के लिए 7 आरोपियों को सजा सुनाते हुए टाडा कोर्ट के जज गोविंद सानप ने कहा कि इन विस्फोटों के लिए भारत में आरडीएक्स जैसे घातक विस्फोटक पदार्थ लाने में सबसे ज्यादा भूमिका मुस्तफा अहमद उमर डोसा उर्फ मुस्तफा मंजनू की थी।
उसी ने इन विस्फोटों की तैयारी के लिए कुछ युवकों को पाकिस्तान भेजा ताकि वे विस्फोटों को अंजाम देने के लिए हथियारों की ट्रेनिंग ले सकें। गौरतलब है कि 12 मार्च, 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 713 घायल हुए थे। ये धमाके बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, एयर इंडिया बिल्डिंग और 'सी रॉक' जैसे होटल सहित शहर की 12 जगहों पर हुए थे।