'मेड इन इंडिया' हथियार से दुश्मन को जवाब देगी सेना, जल्द मिलेंगे 1750 बख्तरबंद वाहन और 350 टैंक
नई दिल्ली, 24 जून: लद्दाख और कश्मीर को लेकर चीन-पाकिस्तान के साथ भारत का विवाद लंबे वक्त से जारी है। जिस वजह से आए दिन सीमा पर तनावपूर्ण हालात बने रहते हैं। इसको देखते हुए भारतीय सेना ने बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत बड़ी संख्या में बख्तरबंद गाड़ियां और टैंक खरीदे जाएंगे। खास बात तो ये है कि ये सभी 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत पूरी तरह से भारत में निर्मित होंगे।
1750 एफआईसीवी का ऑर्डर
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक भारतीय सेना ने 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' प्रोजेक्ट के तहत फ्यूचरिस्टिक इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल (ट्रैक्ड) के लिए रिक्यूस्ट फॉर प्रपोजल जारी कर दिया, जो लंबे वक्त से अटका पड़ा था। वैसे सेना ने संख्या की जानकारी नहीं दी है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि 1750 एफआईसीवी का ऑर्डर दिया गया है। इसको लद्दाख में तैनात करने की योजना है। इसके अलावा रेतीले और पहाड़ी इलाकों में भी इनकी तैनाती हो सकती है।
कम वजन के होंगे टैंक
लद्दाख में चल रहे विवाद के बीच सेना 350 लाइट टैंक पर भी नजर बनाए हुए है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्दी ही इनको भी शामिल कर लिया जाएगा। लद्दाख जैसे ऊंची जगह पर ये टैंक काफी कारगर सिद्ध होंगे। इनमें हाईटेक उपकरण, बेहतर इंजीनियरिंग सपोर्ट समेत कई खासियतें होंगी। सेना के मुताबिक 'मेक-इन-इंडिया' और रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) के तहत इन टैंकों को खरीदने की योजना है। जिनका वजन 25 टन से कम होगा, ताकी ये उच्च पर्वतीय इलाकों में आसानी से मूवमेंट कर सकें।
क्या है एफआईसीवी की खासियत?
फ्यूचरिस्टिक इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल की खासियत की बात करें, तो उसमें 8-10 सैनिक हथियारों के साथ बैठ सकते हैं और उनको युद्धभूमि में बिना नुकसान पहुंचाए एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा सकता है। इसके अलावा इसे मशीन गन और एंटी टैंक गाईडेड मिसाइल से भी लैस किया जा सकता है। लद्दाख के अलावा सिक्किम सेक्टर में भी ये काफी कारगर सिद्ध होंगे।
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