Make in India: रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए 118 अर्जुन टैंक का दिया ऑर्डर, 7523 करोड़ आएगी लागत
नई दिल्ली, 23 सितंबर: पिछले साल जून में गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना में झड़प हुई। जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए। इसके बाद से लद्दाख सेक्टर में तनाव की स्थिति बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान भी लगातार LoC से सटे इलाकों में अशांति फैलाने की कोशिश करता रहता है। हाल ही में कई रिपोर्ट्स ऐसी भी सामने आईं, जिसमें इस बात का जिक्र था कि चीन-पाक मिलकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। इस वजह से भारतीय सेना भी खुद को मजबूत कर रही है। जिसके तहत गुरुवार को रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा डिफेंस ऑर्डर दिया है।
युद्ध के वक्त टैंक अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में रक्षा मंत्रालय ने 118 मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन Mk 1A का ऑर्डर दिया है। जिसकी लागत 7523 करोड़ रुपये आएगी। मामले में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता भारत भूषण बाबू ने कहा कि अर्जुन टैंक की सप्लाई के लिए हैवी व्हीकल फैक्ट्री, अवादी को ऑर्डर दिया गया है। इसके लिए सभी आदेश जारी कर दिए गए। खास बात तो ये है कि सभी टैंक पूरी तरह से भारत निर्मित रहेंगे। वैसे इस साल की शुरुआत में ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन टैंकों के खरीद की बात कही थी। उसी के तहत अब ऑर्डर जारी किया गया है।
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क्या है खासियत?
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- इन टैंकों के नए वर्जन को आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है। साथ ही इनकी फायर पावर बढ़ाई गई है। इसके अलावा ये खुद ही अपने लक्ष्य को तलाश कर सकते हैं।
- ये टैंक लगातार मूव करने वाले लक्ष्यों को भी भेद सकते हैं। इसके अलावा लैंड माइंस से भी आसानी से बच कर आगे बढ़ेंगे। सबसे खास बात तो ये है कि इन पर ग्रेनेड और मिसाइल के हमले का कोई असर नहीं होगा।
- टैंकों को केमिकल अटैक से बचाने के लिए इनमें स्पेशल सेंसर लगाए गए हैं।
- लेजर वॉर्निंग सिस्टम लगा है, जिससे ये पता चलेगा कि हमला कहां से हो सकता है। इसके अलावा इसमें रिमोट कंट्रोल वेपन सिस्टम, एडवांस लैंड नेविगेशन सिस्टम भी लगा है।
- 120 एमएम कैलिबर की मशीनगन है, जो पूरी तरह से भारत में निर्मित है।
- इसमें 1400 हॉर्स पावर का इंजन लगा है, जिस वजह से ये 70 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार तक चल सकता है।
- एक एंटी-पर्सनल को-एक्सल 7.62 एमएम मशीन गन और एंटी-एयरक्राफ्ट व जमीनी निशाने के लिए 12.7-एमएम मशीन गन भी लगाई गई है।