Delhi: कोरोना के लक्षण वाले 11 फीसदी लोग रेपिड टेस्ट में निगेटिव लेकिन RT-PCR में पॉजिटिव पाए गए
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस (Coronavirus in Delhi) का खतरा अब भी बना हुआ है। इस बीच संक्रमण के आरटी-पीसीआर और रेपिड एंटीजन टेस्ट के परिणामों में अंतर देखने को मिल रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 सितंबर से 7 नवंबर के बीच संक्रमण के लक्षण वाले 11 फीसदी ऐसे लोग जो रेपिड एंटीजन टेस्ट में कोविड-19 से निगेटिव पाए गए थे, वही लोग आरटी-पीसीआर टेस्ट में कोविड-19 से पॉजिटिव पाए गए हैं। इस बात की जानकारी पीटीआई रिपोर्टर द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों में दी गई है।
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जवाब में कहा गया है, संक्रमण के लक्षण वाले 56,862 मरीज रेपिड एंटीजन टेस्ट में कोरोना से निगेटिव पाए गए थे। इनमें से 32,903 लोगों ने दूसरी बार में आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया, जिनमें से 3524 कोविड-19 से पॉजिटिव पाए गए। आपको बता दें कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर प्रभावी ढंग से रोक लगाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सितंबर महीने में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अनिवार्य रूप से कहा था कि रेपिड एंटीजन टेस्ट में लक्षण वाले मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनका दोबारा में आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाए। ताकि कोई भी पॉजिटिव केस छूट ना सके।
आरटीआई के जवाब में कहा गया है, राजधानी दिल्ली में आरटी-पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिविटी रेट सितंबर महीने में 20.97 फीसदी था, वही रेपिड एंटीजन टेस्ट में 4.77 फीसदी रहा। वहीं अक्टूबर महीने में आरटी-पीसीआर टेस्ट का पॉजिटिविटी रेट 16.76 फीसदी था और रेपिड एंटीजन टेस्ट का 4.58 फीसदी रहा। इसके साथ ही 1 नवंबर और 7 नवंबर के बीच रेपिड एंटीजन का पॉजिटिविटी रेट 8.16 फीसदी रहा और आरटी-पीसीआर का पॉजिटिविटी रेट 27.2 फीसदी रहा। ऐसे में अगर कोरोना के लक्षण होने के बावजूद भी रेपिड टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो एक बार आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए।
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