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Haryana Election 2019: सीएम खट्टर और पूर्व सीएम हुड्डा समेत ये हैं हरियाणा की 10 हॉट सीटें

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नई दिल्ली- हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से कम से कम 10 सीटें ऐसी हैं, जिसपर पूरी देश की नजरें टिकी हुई हैं। इन सीटों में से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा की हाईप्रोफाइल सीटें भी शामिल हैं। यहां हम जिन 10 बड़ी सीटों की बात कर रहे हैं उसमें हरियाणा के कुछ बड़े परिवारों की सीटें भी हैं, कुछ चर्चित मंत्रियों के भी हैं और कुछ नामी खिलाड़ियों की भी। यानि इस चुनाव में राज्य के कई राजनीतिक दिग्गजों और उनके परिवारों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। यहां हम उन सारी अहम सीटों पर बात कर रहे हैं। 24 अक्टूबर को पता चलेगा कि इन 10 हॉट सीटों पर किसका रहा दबदबा और कौन हुआ चुनावी मैदान में फेल।

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1- करनाल

1- करनाल

करनाल विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दूसरी बार भाग्य आजमा रहे हैं। उनके मुकाबले में यहां जननायक जनता पार्टी ने बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव को टिकट दिया है। 2014 के चुनाव में खट्टर यहां निर्दलीय उम्मीदवार जय प्रकाश गुप्ता से 63,773 वोटों से जीते थे। यहां कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं और कांग्रेस ने हरियाणा अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष त्रिलोचन सिंह को उतारा है। खट्टर को अपनी सरकार की साफ छवि, विकास और मोदी सरकार की राष्ट्रवाद की नीति पर भरोसा है। जबकि, उनके विरोधी, बेरोजगारी, बढ़ते अपराध जैसे मुद्दों पर उन्हें घेरने का दावा कर रहे हैं।

2- गढ़ी सांपला-किलोली

2- गढ़ी सांपला-किलोली

यहां कांग्रेस के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा का मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार सतीश नंदलाल से है। 2014 में इस सीट पर हुड्डा सतीश नंदलाल (तब आईएनएलडी में थे) को 47, 185 वोटों से हराकर जीते थे। हुड्डा हरियाणा के बड़े कद्दावर जाट नेता हैं और उन्हें दो-दो बार राज्य के मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है और वे चार बार सांसद भी रहे हैं। रोहतक जिले की इस ग्रामीण सीट पर जाट मतदाता बहुतायत में हैं और हुड्डा को भरोसा है कि जाट वोटर उनको छोड़कर किसी को वोट नहीं देंगे। इस क्षेत्र में दो लाख से ज्यादा जाट मतदाता बताए जाते हैं। हुड्डा 2009 में भी नंदलाल को इस सीट से हरा चुके हैं।

3- कैथल

3- कैथल

कैथल सीट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला का मुकाबला बीजेपी के लीला राम गुर्जर से है। 2014 के विधानसभा चुनाव में सुरजेवाला यहां आईएनएलडी के कैलाश भगत को 23,675 वोटों से हराकर जीते थे। सुरजेवाला यहां तीसरी बार मैदान में हैं और 2005 में उनके पिता शमशेर सुरजेवाला भी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इन दोनों प्रत्याशियों के चलते यहां जाटों और गुर्जर में सीधा मुकाबला नजर आ रहा है। वैसे इस शहरी विधानसभा सीट पर भी सबसे ज्यादा आबादी जाट मतदाताओं की है, जिनके बाद गुर्जरों की जनसंख्या है। इस सीट को सुरजेवाला का गढ़ माना जाता है और यहां से भाजपा कभी नहीं जीत पाई है। वैसे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कृष्ण पाल गुर्जर भी अपनी पार्टी के प्रत्याशी के लिए यहां पर प्रचार कर चुके हैं।

4- ऐलनाबाद

4- ऐलनाबाद

हरियाणा की ऐलनाबाद सीट पर आईएनएलडी के अभय सिंह चौटाला, बीजेपी के पवन बेनीवाल और कांग्रेस के भरत सिंह बेनीवाल के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। 2014 में यहां अभय चौटाला ने भाजपा के प्रत्याशी पवन बेनीवाल को 11,439 वोटों से हराया था। चौटाला इस सीट से तीन बार जीते हैं, लेकिन इसबार पवन बेनीवाल से उनका कड़ा मुकाबला माना जा रहा है जो कभी उन्हीं की पार्टी से जुड़े रहे हैं। यह सीट भी जाट बहुल है और कांग्रेस के दिग्गज भरत सिंह बेनीवाल भी दोनों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। वैसे यह सीट आईएनएलडी की परंपरागत सीट मानी जाती है। यहां जाट मतदाताओं के बाद सिख, जाट सिख और ब्राह्मणों की जनसंख्या है। इनके अलावा यहां दलित और पिछड़े समुदाय के लोग भी बहुतायत में हैं।

5- ऊंचा कलां

5- ऊंचा कलां

ऊंचा कलां विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की प्रेम लता और जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला के बीजे मुख्य महा मुकाबला है। 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रेम लता ने तब आईएनएलडी के टिकट पर लड़े दुष्यंत चौटाला को 7,480 मतों से हराया था। प्रेम लता बीरेंद्र सिंह की पत्नी हैं, जो तीन बार सांसद और पांच बार विधायक रह चुके हैं। जबकि, दुष्यंत चौटाला पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला के पोते और पूर्व सांसद अजय चौटाला के बेटे हैं। पिछले साल में आईएनएलएडी से निकाले जाने के बाद उन्होंने अपने पिता और छोटे भाई के साथ मिलकर जननायक जनता पार्टी का गठन किया था। ये सीट भी जाटों के दबदबे वाली सीट है, जहां दलित, पिछड़े और ब्राह्मण समुदाय के मतदाताओं की भी ठीक-ठाक आबादी है।

6- पिहोवा

6- पिहोवा

बीजेपी ने भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह को पिहोवा से मैदान में उतार कर इस बार का चुनावी दंगल रोचक बना दिया है। भाजपा संदीप सिंह की लोकप्रियता के आसरे इस सीट को जीतना चाहती है। जबकि, हरियाणा के अलग राज्य बनने के बाद से पिहोवा सीट कांग्रेस का गढ़ माना जाती रही है, वैसे दो बार इस सीट पर आईएनएलडी भी जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। 2014 में मोदी लहर के बावजूद बीजेपी इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई थी। कांग्रेस ने यहां से मनदीप सिंह चट्ठा को टिकट दिया है, जबकि जननायक जनता पार्टी से रणधीर सिंह मैदान में हैं। 2014 में यहां से आईएनएलडी के जसविंदर सिंह विजयी रहे थे।

7- दादरी

7- दादरी

हरियाणा की दादरी विधानसभा सीट से बीजेपी ने रेसलर और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल विजेता बबीता फोगाट को उतारकर इस सीट को हाई प्रोफाइल बना दिया है। जबकि, इस सीट पर कांग्रेस से पूर्व विधायक नृपेंद्र सांगवान, जननायक जनता पार्टी से पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान मैदान में हैं। वहीं इंडियन नेशनल लोकदल ने अपने मौजूदा विधायक राजदीप पर ही दांव लगाया है। बता दें कि 2014 विधानसभा चुनाव में दादरी सीट से आईएनएलडी के राजदीप ने 43,400 वोट हासिल करके जीत दर्ज की थी। वहीं, दूसरे नंबर पर बीजेपी के सोमवीर रहे थे।

8- बरोदा

8- बरोदा

सोनीपत की बरोदा सीट से बीजेपी ने इसबार ओलंपिक पदक विजेता और रेसलर योगेश्वर दत्त को टिकट दिया है। इस सीट पर उनका मुकाबला कांग्रेस के कृष्ण हुड्डा से है। हुड्डा यहां लगातार 2009 और 2014 में चुनाव जीते थे और उन्होंने दोनों बार आईएनएलडी के कपूर सिंह नरवाल को हराया था। लेकिन, योगेश्वर दत्त के मुकाबले में आने से चुनावी समीकरण बदल गया है।

9-आदमपुर

9-आदमपुर

आदमपुर विधानसभा सीट का चुनाव इस बार बीजेपी उम्मीदवार टिक-टॉक स्टार सोनाली फोगाट की वजह से दिलचस्प हो गया है। यहां उनका मुकाबला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे और यहां के मौजूदा कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई जैसे हरियाणा के दिग्गज नेता से है। आदमपुर भजनलाल परिवार का गढ़ रहा है। इस सीट से भजनलाल का परिवार 1968 से कभी चुनाव नहीं हारा। अब तक हुए 12 विधानसभा चुनावों में 11 बार भजनलाल का परिवार चुनाव जीता है। खुद कुलदीप विश्नोई यहां से 3 बार विधायक रह चुके हैं।

10- अंबाला कैंट

10- अंबाला कैंट

हरियाणा की अंबाला कैंट सीट से एक बार फिर मनोहर सरकार के दिग्गज स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस सीट पर अबतक हुए कुल12 चुनावों में कांग्रेस सिर्फ 5 बार ही जीत सकी है। विज के मुकाबले कांग्रेस ने यहां से वेनू सिंगला को मैदान में उतारा है। इस सीट से आईएनएलडी और जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है, जिसके चलते मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों के बीच हो गया है। इस सीट पर पंजाबी वोटरों का दबदबा है और वो जिनका सांथ देते हैं वही जीतकर विधानसभा पहुंचता है। पिछले चुनाव में विज ने कांग्रेस के निर्मल सिंह को 15, 462 वोटों से हराया था।

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English summary
10 top seats of haryana including CM Khattar and former CM Hooda's constituencies
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