HP Vidhan Sabha Session: कल से शुरू होगा हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र, विपक्ष की सरकार को घेरने की तैयारी
शिमला, 09 अगस्त: हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र 2022 बुधवार (10 अगस्त) से शुरू हो रहा है। चार दिनों तक चलने वाला मौजूदा सरकार के कार्यकाल का यह अंतिम सत्र होगा। करीब तीन माह बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। यही वजह है कि यह सत्र खासा हंगामेदार होने की संभावना है। सत्ता पक्ष को घेरने के लिए कांग्रेस पार्टी ने कमर कस ली है। तो वहीं, दूसरी और सदन में एकमात्र माकपा के सदस्य राकेश सिंघा भी अपने कडे तेवर दिखायेंगे। वहीं, कुछ संगठनों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करने की तैयारी भी की है।
विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले होने वाले इस सत्र को लेकर एक ओर राजनीतिक दल घेरने की तैयारी में हैं। तो वहीं, दूसरी और प्रदेश के किसान बागवानों के संगठन ने विधानसभा के बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। शिमला जिले के किसान और बागवानों ने पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। इसके साथ ही कर्मचारियों की ओपीएस की मांग को लेकर भी हल्ला बोल का कार्यक्रम हैं। हालांकि एनपीएस कर्मचारियों कर मांगों को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बैठक की है। तो वहीं, विधानसभा सत्र में कई संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए विधायक अध्यक्ष से मिलकर डीजीपी संजय कुंडू ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए है।
इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने बताया कि 10 अगस्त को 11 बजे से 13वीं विधानसभा का 15 वां सत्र शुरू होगा। मानसून सत्र में कुल चार बैठकें होंगी। दस अगस्त को सदन में शोकोद्गार प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाएंगे। 11 अगस्त को गैर सरकारी सदस्य दिवस होगा। 13 अगस्त को शनिवार के दिन भी सत्र होगा। विधानसभा में किए जा रहे 367 सवालों में से 228 तारांकित सवालों में 167 ऑनलाइन और 61 सवाल ऑफलाइन आए हैं। 139 अतारांकित सवालों में 85 ऑनलाइन और 54 ऑफलाइन आए हैं। इन्हें सरकार को भेजा है। नियम 62 के तहत दो, नियम 130 में तीन और नियम 101 में एक सूचना मिली है।
वहीं, इस बार मानसून सत्र में विधायक 367 सवाल पूछेंगे। इनमें 228 तारांकित और 139 अतारांकित प्रश्न होंगे। विधानसभा सचिवालय को नियम 62 के तहत 2, नियम 130 में तीन और नियम 101 में एक सूचना मिली है। बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, सड़कों की दयनीय स्थिति, स्वीकृत सड़कों की डीपीआर में देरी, महाविद्यालयों, स्कूलों, स्वास्थ्य संस्थानों का उन्नयन, विभिन्न विभागों में रिक्त पद भरने जैसे सवालों पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। पर्यटन, उद्यान, पेयजल आपूर्ति, युवाओं में नशे की रोकथाम, बढ़ते आपराधिक मामले, सौर ऊर्जा, परिवहन व्यवस्था और ओपीएस जैसे मसले भी उठेंगे। विधायक अपने क्षेत्रों से संबधित मामले भी उठाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें भाजपा, कांग्रेस और माकपा विधायक से विधानसभा अध्यक्ष सत्र के संचालन में सहयोग की अपील की जाएगी। उन्होंने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि विधानसभा की उच्च परंपराओं और गरिमा का सम्मान करते हुए नियमों की परिधि में रहकर जनहित से संबंधित और अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित विषयों पर सदन में सार्थक चर्चा की जाए। सत्र के संचालन में रचनात्मक सहयोग दें।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि नियमानुसार अभी भी विधायक होशियार सिंह और प्रकाश राणा निर्दलीय ही हैं। परमार ने कहा कि इस संबंध में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन में स्थिति स्पष्ट की जाएगी। उन्होंने इससे ज्यादा किसी भी टिप्पणी से इनकार किया। मालूम रहे कि हाल ही में दो निर्दलीय विधायकों को भाजपा में शामिल करने के लिए एक कार्यक्रम हुआ था। इसका विरोध करते हुए कांग्रेस विधायकों ने पीठासीन अधिकारी स्पीकर विपिन सिंह परमार के समक्ष याचिका प्रस्तुत की है। इसमें एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत निर्दलीय विधायकों की सदस्यता भंग करने के आदेश जारी किए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, याचिका को अभी स्पीकर ने मंजूर नहीं किया है। न ही इसे खारिज किया है। इसे सुनवाई के लिए स्वीकृत करने से पहले याचिकाकर्ता कांग्रेस विधायकों से पूछा गया है कि उन्होंने इसे क्या कांग्रेस पार्टी की हैसियत से या फिर विधानसभा सदस्यों के नाते ही दायर किया है। सूत्रों के अनुसार नियमानुसार यह याचिका विधानसभा सदस्यों के नाते ही दायर हो सकती है। याचिका के सुनवाई के लिए मंजूर होने के बाद ही इस पर विधानसभा अध्यक्ष बतौर पीठासीन अधिकारी अपने कोर्ट में इस पर सुनवाई करते हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस विधायकों की ओर से दी गई याचिका में सबूत के तौर पर समाचार पत्रों की कतरनें लगाई गई हैं।