भाजपा प्रत्याशी जेपी नड्डा को राज्यसभा सीट जिताने में कांग्रेस ने दिया साथ!
शिमला। आखिर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा के लिये निर्विरोध चुन लिये गये। हलांकि नड्डा के नामांकन भरते ही उनका चुना जाना तय था। चूंकि कांग्रेस की ओर से उनके मुकाबले कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा था। विपक्ष की ओर से पहले ही सत्तारूढ़ भाजपा के समक्ष अपने हथियार डाल देने से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल से दूसरी बार राज्यसभा में दूसरी बार आसानी से चुन लिये गये। जिसके बाद चुनाव आयोग को इस बारे में घोषणा करने की औपचारिकता ही निभानी थी जो आज पूरी हो गई।
निर्दलीय विधायकों ने भी किया था समर्थन
दरअसल, शिमला में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा के लिये अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा करने का फैसला लिया था जिससे भाजपा संगठन व सरकार के मुखिया जय राम ठाकुर को भी राहत मिली। राजनैतिक गणित को देखा जाये तो हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के पास स्पष्ट ही नहीं बल्कि भारी बहुमत है। 68 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 44 है जबकि कांग्रेस के मात्र 21 विधायक हैं। इसके अलावा 2 विधायक निर्दलीय तथा एक विधायक सी.पी.आई.एम. का है। दोनों निर्दलीय विधायकों ने भी अपना समर्थन सत्ताधारी भाजपा को दिया है, ऐसे में यदि कांग्रेस अपना उम्मीदवार भी खड़ा करती तो उसकी हार तय ही थी, ऐसे में कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार न देना ही बेहतर समझा।
कांग्रेस ने निभाई पुरानी परंपरा
कांग्रेस
पार्टी
ने
राज्यसभा
चुनाव
की
पुरानी
परंपराओं
को
देखते
हुए
केंद्रीय
मंत्री
के
खिलाफ
प्रत्याशी
नहीं
उतारने
का
फैसला
लिया
।
पार्टी
का
तर्क
रहा
है
कि
पूर्व
में
भाजपा
ने
भी
विपक्ष
में
रहते
हुए
आनंद
शर्मा
और
विप्लव
ठाकुर
के
लिए
खिलाफ
कोई
उम्मीदवार
चुनाव
में
नहीं
उतारा
था,
ऐसे
में
प्रदेश
कांग्रेस
ने
भी
पुरानी
परंपराओं
को
आगे
बढ़ाया
है।
केंद्रीय
स्वास्थय
मंत्री
जगत
प्रकाश
नड्डा
बीते
8
मार्च
को
हिमाचल
से
राज्यसभा
के
लिए
अपना
नामांकन
पत्र
दाखिल
किया
था।
वह
वर्तमान
में
हिमाचल
से
राज्यसभा
सदस्य
हैं
और
भाजपा
ने
उन्हें
दूसरी
बार
उम्मीदवार
बनाया।
उनका
वर्तमान
कार्यकाल
2
अप्रैल
को
पूरा
हो
रहा
है।
राज्यसभा
की
एक
सीट
को
लेकर
होने
वाले
चुनाव
के
लिए
15
मार्च
तक
नाम
वापस
लिए
जाने
का
प्रावधान
है।
लेकिन
यहां
विपक्ष
ने
कोई
प्रत्याशी
ही
मैदान
में
नहीं
उतारा
तो
नड्डा
को
आज
ही
निर्विरोध
चुन
लिया
गया।
कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया
बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह राज्यसभा के लिए कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी उतारने के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उनकी व्यक्तिगत राय है कि राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को प्रत्याशी नहीं देना चाहिए, ऐसे में पार्टी ने भी अब इस बारे अपना रुख स्पष्ट करते हुये प्रत्याशी नहीं उतारा। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता संजय सिंह चौहान ने कहा की पूर्व में आनंद शर्मा व विप्लव ठाकुर के चुनावों के समय भी तत्कालीन विपक्ष ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था, ऐसे में प्रदेश कांग्रेस ने भी राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी न देने का फैसला लिया था।
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