कसौली: महिला अधिकारी की हत्या मामले में चीफ जस्टिस करेंगे सुनवाई
शिमला। हिमाचल प्रदेश के कसौली में सुप्रीम कोर्टे के आदेशों के तहत अवैध भवन गिराने के दौरान एक महिला अधिकारी पर गोली चलने से हुई मौत के मामले पर सुप्रीम कोर्ट गुरूवार को सुनवाई करेगा। मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: ही संज्ञान लेते हुये हिमाचल सरकार से जवाब तलब किया है। गुरूवार को इस मामले को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के समक्ष रखा जाएगा। हालांकि इसी मामले में अवैध कब्जों को हटाने के मामले में जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। लेकिन बुधवार को हत्या के मामले में मीडिया में आई खबरों पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। सारे मामले को लेकर हिमाचल सरकार की खूब किरकिरी हो रही है। सारे मामले को प्रशासनिक लापारवाही से जोडक़र देखा जा रहा है।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कड़ी टिप्पणी करते हुए महिला अफसर की हत्या पर कहा, ''अगर ऐसे लोगों की हत्या होती है तो हम आदेश देना बंद कर देंगे।'' सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यह काफी 'शर्मनाक' घटना है और इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले को चीफ जस्टिस के समक्ष रखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि पुलिस के सामने इस तरह की घटना कैसे हो गई? कोर्ट ने इस संबंध में प्रदेश सरकार को फटकार भी लगाई है।
एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट ने कसौली के 13 होटलों सके अवैध निर्माण गिराने के आदेश दिए थे। दो मई इसे लेकर डेडलाइन थी। इसके मद्देनजर मंगलवार सुबह 38 सदस्यीय चार टीमें अवैध निर्माण गिराने कसौली पहुंची थी। कुछ होटलों पर कार्रवाई करने के बाद अस्सिटेंट टाउन कंट्री प्लानिंग, शैल बाला के नेतृत्व में प्रशासन की टीम दोपहर ढाई बजे मंढोधार में नारायणी गेस्ट हाउस पहुंची। इस दौरान होटल संचालक विजय ठाकुर ने हंगामा शुरू कर दिया व महिला अधिकारी से बहस करने के बाद विजय ने आपा खोया और लाइसेंसी रिवॉल्वर से तीन गोलियां दाग दीं।
एक गोली महिला अधिकारी के सिर पर लगी और दूसरी छाती पर और वह मौके पर ही ढेर हो गईं। इसके अलावा, घटना में पीडब्ल्यूडी विभाग के एक कर्मी भी घायल हो गया। जिसे पीजीआई चंडीगढ़ रैफर किया गया है. पुलिस ने इस संबंध में चार टीमें गठित की हैं और आरोपी की तलाश की जा रही है।
सहायक नगर नियोजन अधिकारी शैल बाला मूल रूप से बिलासपुर जिला के घुमारवीं से थीं और सोलन में अपना घर बनाया है। यहां उनके पति एक विभाग में अधिकारी हैं। शैल बाला की नियुक्ति बीबीएनडीए (बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ विकास प्राधिकरण) में तैनात थीं और करीब डेढ़ वर्ष पहले ही वह टीसीपी विभाग में डेपुटेशन पर आई थीं। वह कसौली में असिस्टेंट टाउन प्लानर के पद पर सेवाएं दे रही थीं और चार टीमों में से गठित एक टीम की समन्वयक थीं। इस बीच निदेशक टीसीपी राजेश्वर गोयल ने कहा कि यह बहुत ही अफसोस की बात है कि उनके विभाग की एक महिला अधिकारी की कार्रवाई के दौरान हत्या कर दी गई है।
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