हिमाचल: जय राम को रोककर बेटे अनुराग ठाकुर को सीएम बनाने के लिए धूमल की ये चाल
शिमला। नारेबाजी कर दवाब की राजनिति के सहारे चुनाव हार कर भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, प्रेम कुमार धूमल। इससे हिमाचल भाजपा अब साफ तौर पर दो गुटों में बंट गई है। चुने हुए विधायक भी कुछ धूमल के साथ आ गये हैं जिससे मामला अब नाजुक हो गया है। प्रचंड बहुमत के बावजूद सरकार के गठन में देरी होने की संभावना जताई जाने लगी है। दरअसल सुजानपुर से चुनाव हार चुके भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल इस समय किसी भी तरह बाजी अपने हाथ से निकलने नहीं देना चाह रहे हैं।
'पूरा हिमाचल डोल रहा है, धूमल-धूमल बोल रहा है'
इसी बहाने अपने बेटे अनुराग ठाकुर के लिये हिमाचल में राजनैतिक भविष्य तलाशने में जुटे हैं। धूमल खुद भी जानते हैं कि एक नेता के चुनाव हारने के बाद उसके पास कोई नैतिक आधार नहीं रह जाता कि वह प्रदेश सरकार की वह कमान संभाले। अब सवाल उठ रहा है कि खासकर हमीरपुर जिला से आये नारेबाज हुड़दंगी जत्थे शिमला में केन्द्रीय पर्यवेक्षकों के सामने आखिर क्यों धूमल को हिमाचल का ताकतवर नेता बता रहे हैं।
धूमल के जयकारे के पीछे सोची-समझी साजिश
जानकारों की मानें तो यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है ताकि अगला मुख्यमंत्री वह न हो जिसे इस समय सबका समर्थन मिल रहा है। धूमल और पार्टी में धूमल समर्थक अब इस कोशिश में जुट गये हैं कि किसी तरह भी जय राम ठाकुर के बढ़ते कदमों को रोक कर अनुराग ठाकुर के नाम को अगले सीएम के तौर पर आगे बढ़ाया जाये। इसी रणनीति के तहत धूमल के जयकारे लगाये जा रहे हैं।
जय राम के साथ नड्डा और शांता
हिमाचल भाजपा की अंदरूनी राजनिति पर गौर करें तो इस समय केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा दबदबा कायम है। नड्डा के समर्थन से ही जय राम ठाकुर को अगले सीएम के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं सांसद शांता कुमार व राम स्वरूप शर्मा भी नड्डा के साथ ताल ठोकते हुये जय राम ठाकुर के पक्ष में हैं। शांता कुमार ने एक तरह से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सत्तपाल सत्ती की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते हुये उन्हें भी खूब खरी खोटी सुनाई है। चुनाव हार चुके सत्ती भी धूमल खेमे में ही हैं।
अनुराग ठाकुर पर धूमल का दांव
हलांकि ज्यादातर धूमल समर्थक नेता इस बार चुनाव नहीं जीत पाये हैं लेकिन सुजानपुर की जनता के जनादेश को सहर्ष स्वीकार करने के बजाय धूमल हारी हुई लड़ाई जीतने में जुटे हैं। कोशिश यही है कि केन्द्रीय नेतृत्व को यही संदेश दिया जाये कि प्रदेश में जय राम ठाकुर सर्वमान्य नेता नहीं हैं व उनकी जगह किसी दूसरे को प्रदेश की कमान दी जाये जिसके तहत प्रयास यह भी है कि अगर केन्द्रीय नेतृत्व जेपी नड्डा व शांता कुमार की पंसद को दरकिनार करें तो अगले सीएम के तौर पर अनुराग ठाकुर को आगे लाया जाये।
नड्डा के चक्रव्यूह को भेदने में लगे धूमल
इस तिकड़म को भांपते हुये ही शांता कुमार ने सार्वजनिक तौर पर न केवल नारेबाज जत्थों को लताड़ा ,बल्कि खुद को जय राम ठाकुर के समर्थन में लाते हुये सतपाल सत्ती को भी चेताया है लेकिन धूमल व उनके साथी हठयोग में चले आये हैं। धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर केन्द्रीय पर्यवेक्षकों इसी दवाब की राजनीति के चलते नहीं मिले। कुल मिलाकर नड्डा को अब धूमल के च्रकव्यूह को भेदना होगा ताकि उनकी पसंद या फिर वह खुद प्रदेश की सीएम की कमान संभाल सकें।
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