कांग्रेस सरकार का साथ छोड़ 'मोदी रथ' पर सवार हुए विधायक
हिमाचल प्रदेश में निर्दलीय विधायक मनोहर धीमान ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर लिया। वे चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस सरकार के साथ थे।
शिमला। आखिर इंदौरा के निर्दलीय विधायक मनोहर धीमान भी मोदी रथ पर सवार होकर भाजपा के हो ही गये। उनकी वापसी जिस तरीके से हुई उससे दोनों ही दलों के नेता हैरान हैं। दरअसल मनोहर धीमान की अभी भाजपा में वापसी की तैयारियां ही चल रहीं थीं। माना जा रहा था कि अगले माह उनकी भाजपा में एंट्री होगी। वहीं कांग्रेसी भी इस इंतजार में थे कि शायद उन्हें भाजपा स्वीकार नहीं करेगी लेकिन धीमान ने सभी को गच्चा दे दिया।
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धीमान की भाजपा में हुई एंट्री
हलांकि धीमान की भाजपा में एंट्री की तैयारियां चल रहीं थीं। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल की मौजूदगी में यह समारोह इंदौरा में ही होना था लेकिन गुरुवार को कांगड़ा जिला के ज्वाली में गुगलाड़ा में आयोजित भाजपा की रैली में इंदौरा के निर्दलीय विधायक मनोहर धीमान की घर वापसी हो गई। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के सामने भाजपा में शामिल हुए। नड्डा विशेष रूप से दिल्ली से यहां आये थे। स्वास्थ्य मंत्री ने हार पहनाकर मनोहर धीमान का स्वागत किया। हिमाचल भाजपा में धूमल व नड्डा खेमे में चल रहे शीतयुद्ध का ही यह प्रमाण है कि मनोहर के मामले का क्रेडिट नड्डा ले गये। माना जा रहा है कि यह जल्दबाजी इसलिये हुई कि भाजपा में भी मनोहर को लेकर अंदरखाने विरोध होने लगा था। मनोहर धीमान को यह लगने लगा कि कहीं उनकी वापसी में कोई पेंच न फंस जाये। लिहाजा उन्होंने बिना देर किये भाजपा का दामन थाम लिया। वहीं केन्द्रीय मंत्री नड्डा का हिमाचल भाजपा में बढ़ता प्रभाव भी एक कारण रहा है।
धीमान ने वीरभद्र सरकार का साथ छोड़ा
इसे राजनैतिक मौकापरस्ती कहें या फिर अपने भविष्य की चिंता, करीब साढ़े चार साल तक वीरभद्र सरकार को समर्थन देते आ रहे इंदौरा के निर्दलीय विधायक मनोहर धीमान भी अब वीरभद्र सिंह की सरकार का साथ छोड़ कर भाजपा के हो गये हैं। उन्होंने भाजपा के रंग में अपने आपको रंग लिया है। चंद दिन पहले तक धीमान भाजपा को पानी पी-पी कर कोसते थे लेकिन गुगलाड़ा की सभा में उन्होंने कांग्रेस को कोसते हुये भाजपा के साथ जीने-मरने की कसमें खाईं।
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में हड़कंप
हलांकि इंदौरा के निर्दलीय विधायक मनोहर धीमान के भाजपा में जाने की अटकलें काफी पहले से थीं लेकिन कुछ दिन पहले मनोहर धीमान ने खुद ऐलान किया था कि वह बिना किसी शर्त जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे। धीमान की इस मामले में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल के साथ बाकायदा मंत्रणा भी हो हुई थी। धूमल की ही पहल पर उनकी भाजपा में एंट्री का तानाबाना बुना गया। इससे पहले उन्होंने शिमला नगर निगम चुनावों में खुलकर भाजपा के सर्मथन में प्रचार किया था। मनोहर धीमान की अचानक भाजपा में एंट्री से प्रदेश की राजनिति में खासा हड़कंप मचा है। चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा के बाद मनोहर दूसरे ऐसे विधायक हैं जो चुनावों से पहले भाजपा को ज्वाइन किया है।
भाजपा से टिकट न मिलने पर लड़े थे निर्दलीय चुनाव
बता दें कि मनोहर धीमान ने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। जीत के बाद वह कांग्रेस के एसोसिएट विधायक बने थे। अभी कुछ महीने पहले मनोहर व अन्य निर्दलीय विधायकों के राहुल गांधी से मिलने के बाद काफी बवाल मचा था और उनके समर्थकों ने इस बात पर ऐतराज जताया था। उनके समर्थकों ने उन्हें या तो भाजपा में जाने के लिए कहा था या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही थी। इसी के बाद उनकी भाजपा में घर वापसी की कवायद शुरू हो गई थी।
धीमान ने कहा कि पिछले तीन दशक से भाजपा के साथ जुड़ा हूं और मरते दम तक पार्टी का सिपाही रहूंगा। उन्होंने कहा कि जहां तक पार्टी के टिकट का सवाल है पार्टी जिसको भी अपना प्रत्याशी घोषित करेगी उसका साथ बिना शर्त दूंगा। धीमान ने साफ किया कि क्षेत्र के विकास के लिए अपने कार्यकर्ताओं के कहे अनुसार ही उन्होंने सीएम वीरभद्र सिंह को अपना समर्थन दिया था। इससे पूर्व प्रदेश के चार निर्दलीय विधायकों में से चौपाल के विधायक बलवीर वर्मा भाजपा में शामिल हो चुके हैं। बीते चुनाव में धीमान को पार्टी का टिकट न मिलने के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ी थी।
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