मूंछ की कुर्बानी देकर हिमाचल प्रदेश के CM बने हैं जय राम ठाकुर!
अचानक जय राम बिना मूंछो के दिखाई दे रहे हैं, जिसके चलते सवाल उठने लगा है कि हिमाचल की राजनीति में क्या बिना मूंछ वाले नेता ही सीएम की कुर्सी तक पहुंच पाते हैं?
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शिमला। हिमाचल की राजनीति में सीएम की कुर्सी तक पहुंचने के लिए नेताओं की मूंछे भी अहम किरदार निभाती रही हैं। अक्सर राजनीति में कई बार अपशकुन होने के डर से नेता दो कदम पीछे ही रहते हैं। यहां तक कि अंधविश्वास में बहुत कुछ कर देते हैं, जो आगे जाकर चर्चा का रूप ले लेता है। कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों हिमाचल के नए सीएम बने सिराज के विधायक जय राम ठाकुर का है। जो इन दिनों अचानक बिना मूंछो के दिखाई दे रहे हैं। जिसके चलते सवाल उठने लगा है कि हिमाचल की राजनीति में क्या बिना मूंछ वाले नेता ही सीएम की कुर्सी तक पहुंच पाते हैं।
मूंछ वाला मुख्यमंत्री बना ही नहीं है अब तक..
यही बात इन दिनों प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। चर्चा में तो ये बात सामने आ रही है कि जय राम ने हिमाचल की गद्दी तक पहुंचने के लिए मूंछों की कुर्बानी तो नहीं दे दी। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे बने रहने वाले सीएम बनने से पहले जय राम ठाकुर इन दिनों क्लीन शेव दिखाई दे रहे हैं, उनकी मूंछे गायब हैं। दिलचस्प बात ये है कि मूंछें गायब होते ही जयराम ठाकुर का सितारा भी चमक उठा है। तमाम अड़चनों को पार करने के बाद अब ये करीब-करीब तय हो गया है कि भाजपा के राम हिमाचल का ताज पहनेंगे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई हिमाचल का सीएम और मूंछों के बीच कोई रिश्ता है।
हिमाचल की राजनीति का ये है बड़ा अंधविश्वास
अगर हिमाचल की राजनीति के इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार से। सबसे पहले डॉक्टर वाई.एस. परमार मुख्यमंत्री बने, जो कि क्लीव शेव थे। उनके बाद आए ठाकुर राम लाल की भी मूंछें नहीं थी। इसके बाद सीएम बने वीरभद्र सिंह, शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल भी बिना मूंछ के थे। लिहाजा अब तक बिना मूंछ वाला ही हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री रहा है, तो क्या इसे संयोग कहा जाए या फिर नेताओं का अंधविश्वास। मगर कहानी यहीं खत्म नहीं होती। प्रदेश की आने वाले राजनीति में दो बड़े नेता जगत प्रकाश नड्डा और सांसद अनुराग ठाकुर दोनों ही मूंछे रखते हैं। ऐसे में सवाल ये है कि मूंछें इन नेताओं का कुर्सी तक का रास्ता रोक देंगी या फिर नया इतिहास लिखा जाएगा।
कब कौन बना हिमाचल का मुख्यमंत्री?
1952- यशवंत परमार पहले मुख्यमंत्री बने
1963 - यशवंत परमार को फिर मिली बागडोर
1977 - रामलाल ठाकुर बने मुख्यमंत्री
1980 - रामलाल ठाकुर दूसरी बार बने सीएम
1983 - वीरभद्र सिंह पहली बार मुख्यमंत्री बने
1985 - कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह को फिर चुना सीएम
1990 - शांता कुमार तीन वर्ष के लिए मुख्यमंत्री बने
1993 - वीरभद्र सिंह फिर मुख्यमंत्री बने
1998 - पहली बार प्रदेश के सीएम बने प्रेम कुमार धूमल
2003 - सत्ता परिवर्तन पर वीरभद्र सीएम बने
2007 - प्रेम कुमार धूमल को दूसरी बार सीएम की कुर्सी
2012 - सत्ता में लौटी कांग्रेस ने वीरभद्र को सीएम बनाया
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