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CBI जांच नहीं कर सकती तो मना करे हम जांच NIA को सौंप देंगे: हाईकोर्ट

हिमाचल हाईकोर्ट ने जनता से अपील की कि अगर किसी के पास केस से जुड़ा कोई भी सुराग या सुझाव है तो वो सीबीआई को दे ताकि असली कातिलों का पता चल सके।

By Gaurav Dwivedi
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शिमला। शिमला के बहुचर्चित कोटखाई गैंगरेप और मर्डर मामले में आज सीबीआई ने हिमाचल हाईकोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी है लेकिन इस दौरान अदालत ने केंद्रीय एजेंसी के जांच करने के तौर तरीके पर आपत्ति जताते हुए जमकर फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि अगर ये मामला नहीं सुलझता तो सीबीआई साफ मना करे ताकि हम ये एनआईए को सौंप दें। अदालत ने सीबीआई निदेशक को मामले में हस्तक्षेप करने को कहा। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी। बुधवार को सुनवाई के दौरान हिमाचल हाईकोर्ट ने जनता से अपील की कि अगर किसी के पास केस से जुड़ा कोई भी सुराग या सुझाव है तो वो सीबीआई को दे ताकि असली कातिलों का पता चल सके।

If CBI can not investigate kotkhai gangrape case, then we will surrender probe to NIA: High Court
If CBI can not investigate kotkhai gangrape case, then we will surrender probe to NIA: High Court

गौरतलब है कि सीबीआई पिछले पांच माह से इस मामले की जांच कर रही है लेकिन अभी तक कोटखाई की स्कूली छात्रा के गुनहगार बेनकाब नहीं हो पाए हैं। वो कोटखाई के गुनहगारों तक पहुंचने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इसके तहत मामले से जुड़े हर पहलू को गंभीरता से खंगाला जा रहा है ताकि बहुचर्चित मिस्ट्री को जल्द सुलझाया जा सके। इस केस को सुलझाने में अपेक्षा के अनुरूप सफलता ना मिलते देख जांच एजेंसी ने आरोपियों की सूचना देने वाले को 10 लाख रुपए का इनाम देने का भी ऐलान किया था। सूत्रों की मानें तो सीबीआई अब तक 1100 से अधिक लोगों के ब्लड सैंपल भी ले चुकी है लेकिन अभी तक ऐसे कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिले हैं, जिससे आरोपियों को बेनकाब किया जा सके।

If CBI can not investigate kotkhai gangrape case, then we will surrender probe to NIA: High Court

उल्लेखनीय है कि पिछली 4 जुलाई को महासू स्कूल से वापस लौटने के बाद स्कूली छात्रा रहस्यमई परिस्थितियों में लापता हो गई थी। इसके बाद 6 जुलाई की सुबह उसका शव जंगल में पड़ मिला था। मामले की जांच को लेकर एसआईटी का गठन किया गया और एसआईटी ने 6 कथित आरोपियों को पकड़ा तथा मामला सुलझाने का दावा किया। इसी बीच कोटखाई पुलिस लॉकअप में पकड़े गए एक कथित आरोपी सूरज की हत्या हो गई। सूरज की हत्या का आरोप एसआईटी ने पकड़े एक अन्य कथित आरोपी राजू पर लगाया। इसके बाद जब सीबीआई ने मामले की छानबीन की तो जांच में पाया गया कि एसआईटी ने गलत व्यक्तियों को मामले में गिरफ्तार किया और सूरज की हत्या का आरोप की षंड्यत्र रचकर राजू पर लगाया जबकि उसकी हत्या पुलिस की पिटाई से हुई।

ऐसे में जांच एजेंसी ने एसआईटी के मुखिया रहे आईजी जैदी सहित अन्य 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस लॉकअप हत्याकांड में जिला शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू. नेगी के रूप में सीबीआई ने 9वीं गिरफ्तारी की। वर्तमान में सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं।

If CBI can not investigate kotkhai gangrape case, then we will surrender probe to NIA: High Court

जानिए इस मामले में कब क्या हुआ?

4 जुलाई करीब 4:20 बजे कोटखाई की स्कूली छात्रा महासू स्कूल से अपने घर के लिए निकली।
5 जुलाई कोटखाई की स्कूली छात्रा का भाई मामा के घर से जब अपने घर गया तो उससे परिजनों ने गुड़िया के बारे में पूछा, उसने बताया कि गुड़िया तो पिछले कल घर आ गई थी। परिजनों और ग्रामीणों ने रात को गुड़िया की तलाश शुरू कर दी।
6 जुलाई कोटखाई की स्कूली छात्रा के मामा को हलाइला गांव के निकट दो सडक़ों के लिंक से नीचे एक गड्ढे में गुडि का शव छिन्न-भिन्न हालत में मिला। पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
7 जुलाई कोटखाई की स्कूली छात्रा के शव का आईजीएमसी शिमला में पोस्टमार्टम हुआ, दुराचार और हत्या का खुलासा। विसरा फ ोरेंसिक लैब को भेजा।
8 जुलाई पुलिस दरिंदों तक नहीं पहुंची, जनाक्रोश भडक़ा। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी के निर्देश पर एसपी ने कोटखाई में कैंप किया।
10 जुलाई एसपी को जांच से हटाया, आईजी जहूर एच जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित।
11 जुलाई पीडि़त परिवार को पांच लाख मुआवजा।
12 जुलाई सीएम के फेसबुक पेज पर फोटो वायरल। सोशल मीडिया पर कुछ संदिग्ध आरोपियों की फोटो वायरल।
13 जुलाई एसआईटी ने छह लोगों को गिरफ्तार किया।
14 जुलाई ठियोग थाने पर पथराव, सीबीआई जांच की संस्तुति।
15 जुलाई सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार ने पीएम को पत्र लिखा।
17 जुलाई राजभवन पहुंची भाजपा ने सरकार की बर्खास्तगी की मांग उठाई।
18 जुलाई सरकार ने हाईकोर्ट में सीबीआई जांच शुरू करने के लिए दाखिल किया आवेदन।
19 जुलाई कोटखाई थाने में एक आरोपी की पुलिस हिरासत में हत्या।
23 जुलाई सीबीआई ने दर्ज किए दो मामले।
24 जुलाई सीबीआई पहुंची शिमला, जांच शुरू।
2 अगस्त हिमाचल हाईकोर्ट में सौंपी स्टेटस रिपोर्ट, दो सप्ताह का समय मांगा।
14 अगस्त कोटखाई थाने में तैनात संतरी के हुए बयान।
17 अगस्त सीबीआई को हाईकोर्ट की फटकार, मांगा दो सप्ताह का समय।
21 अगस्त सीबीआई ने कई रईसजादों के घरों पर मारे छापे।
29 अगस्त सीबीआई ने आईजी जहूर एच जैदी के साथ अन्य पुलिस के अफसरों को गिरफ्तार किया।
14 अक्तूबर आरोपी आशीष चौहान जमानत पर रिहा।
17 अक्तूबर कोटखाई प्रकरण में पकड़े गए चार अन्य आरोपियों को भी जमानत।
16 नवंबर सीबीआई ने एसपी डीडब्ल्यू नेगी को गिरफ्तार किया।

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English summary
If CBI can not investigate kotkhai gangrape case, then we will surrender probe to NIA: High Court
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