हिमाचल प्रदेश चुनाव 2017: सीट नंबर 33 मंडी (अनारक्षित) विधानसभा क्षेत्र के बारे में जानिये
शिमला। मंडी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। मंडी जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 64,881 मतदाता थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में अनिल कुमार इस क्षेत्र के विधायक चुने गए। मंडी अक्सर वाराणसी ऑफ हिल्स या छोटी काशी या हिमाचल की काशी के रूप में जाना जाता है। मंडी के लोग गर्व से दावा है कि बनारस (काशी) केवल 80 मंदिर है, मंडी 81 है। महान ऋषि माण्डव द्धारा ने इसे स्थापित किया गया। कहा जाता है महान संत मांडव ने यहां तपस्या की और उनके पास अलौकिक शक्तियां थी। साथ ही उन्हें अनेक ग्रन्थों का ज्ञान था।
माना जाता है कि वे कोल्सरा नामक पत्थर पर बैठकर व्यास नदी के पश्चिमी तट पर बैठकर तपस्या किया करते थे। यह नगर अपने 81 ओल्ड स्टोन मंदिरों और उनमें की गई शानदार नक्कासियों के लिए के प्रसिद्ध है। मंदिरों की बहुलता के कारण ही इसे पहाड़ों के वाराणसी नाम से भी जाना जाता है। मंडी नाम संस्कृत शब्द मंडोइका से बना है जिसका अर्थ होता है खुला क्षेत्र। मंडी उस समय सुर्खियों में आया, जब नरसिम्हा राव की सरकार में पंडित सुख राम केंद्रीय संचार राज्य मंत्री बने। उसके बाद यहां भाजपा को कोई मजबूत नेता उभर ही नहीं पाया। हालांकि अब हालात बदले हैं। अब सुखराम की विरासत संभाले, अनिल शर्मा पाला बदल कर भाजपा का दामन थाम चुके हैं।
मंडी
से
अभी
तक
चुने
गये
विधायक
वर्ष
चुने
गये
विधायक
पार्टी
संबद्धता
2012
अनिल
कुमार
कांग्रेस
2007
अनिल
कुमार
कांग्रेस
2003
सुखराम
हिमाचल
विकास
कांग्रेस
1998
सुखराम
हिमाचल
विकास
कांग्रेस
1993
अनिल
शर्मा
कांग्रेस
1990
कन्हैया
लाल
भाजपा
1985
दुर्गा
दत्त
कांग्रेस
1982
सुख
राम
कांग्रेस
1977
सुख
राम
कांग्रेस
पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री पंडित सुख राम के बेटे हैं, अनिल शर्मा। मंडी चुनाव क्षेत्र में इस परिवार का अपना जनाधार है। अनिल शर्मा अब कांग्रेस को अलविदा कह कर भाजपा ज्वॉइन कर चुके हैं। व भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में होने की सूरत में कांग्रेस के पास उनके मुकाबले का जनाधार वाला कोई नेता नहीं है। वीरभद्र सिंह की सरकार में अनिल शर्मा पंचायती राज मंत्री रहे। लेकिन कांग्रेस पार्टी में चल रही खटपट के चलते उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।