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Jwalamukhi सीट पर BJP का रहा है वर्चस्व, भाजपा के बागी अतुल चौधरी ने बिगाड़ा खेल

Jwalamukhi सीट पर BJP का रहा है वर्चस्व, भाजपा के बागी अतुल चौधरी ने बिगाड़ा खेल

By विजयेंदर शर्मा
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Jwalamukhi assembly constituency: 12 नवंबर को हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। मतदान से पहले मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में करने के लिए सत्ताधारी पार्टी बीजेपी समेत सभी राजनीतिक दल यु्द्धस्तर पर प्रचार-प्रसार में जुट गए है। तो वहीं, आज हम बात कर रहे हैं कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी सीट की। ज्वालामुखी सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रविंद्र सिंह रवि को उम्मीदवार बनाया है। तो वहीं, कांग्रेस की ओर से संजय रतन प्रत्याशी बनाए गए हैं।

Jwalamukhi Assembly seat

ज्वालामुखी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र नंबर 12 है। कांगड़ा जिले की ज्वालामुखी सीट पर 2012 में विधानसभा परिसीमन के दौरान बदलाव आया और यहां पुराने थुरल की कुछ पंचायतें कट कर ज्वालामुखी में आ गईं। तो वहीं, ज्वालामुखी का एक हिस्सा देहरा में चला गया। देश-दुनिया में अपनी दिव्यता के लिए मशहूर ज्वालामुखी मंदिर की वजह से इलाके को पहचान मिली। राजनीतिक तौर पर देखा जाये तो ज्वालामुखी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का ही वर्चस्व रहा है। कांग्रेस यहां से दो ही बार चुनाव जीत सकी है। डिलिमिटेशन के बाद यहां राजपूत मतदाताओं की तादाद बढ़ी है। इसी आधार पर भाजपा ने इस बार राजपूत प्रत्याशी मैदान में उतारा, लेकिन पार्टी की बगावत ने सारा खेल बिगाड़ दिया।

इस बार भाजपा से यहां कुछ ऐसी गलतियां हुई कि पार्टी का चुनाव जीतना टेढी खीर साबित हो रहा है। दरअसल, भाजपा ने चुनावों से कुछ दिन पहले ही मौजूदा विधायक रमेश धवाला का टिकट बदलकर पूर्व मंत्री रविंद्र सिंह रवि को प्रत्याशी बना दिया। जिसके बाद भाजपा के सारे समीकरण ही बदल गए और रवि को टिकट मिलने के बाद पार्टी में बगावत हो गई। वहीं, युवा मोर्चा के नेता अतुल चौधरी ने बगावत कर निर्दलीय नामांकन भर दिया। जिससे भाजपा प्रत्याशी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई। इतना ही नहीं, भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ बाहरी होने का आरोप भी लग रहा है।

वहीं, आम आदमी पार्टी ने होशियार सिंह भारती को टिकट दिया है। भारती की मौजूदगी से दोनों ही दलों को नुकसान हो रहा है। भाजपा की बगावत से रविंदर रवि का चुनाव जीतना आसान नहीं है। लिहाजा यहां टिकट बदलने का निर्णय भाजपा पर भारी पडता दिखाई दे रहा है। ज्वालामुखी चुनाव क्षेत्र चंगर व बलिहार दो भागों में बंटा है। चंगर खुंडिया तहसील का हिस्सा है, जबकि बलिहार निचला इलाका है। जो दरीण, सुंधंगल सिल्ह, भड़ोली कोहाला से लेकर डोहग देहरियां व कथोग तक है। ज्वालामुखी में डोहग देहरियां से लेकर कथोग व भड़ोली कोहाला से दरीण तक की 23 पंचायतें और खुंडियां तहसील की 19 पंचायतें आती है।

इस इलाके में ओबीसी मतदाता हैं और यहां भाजपा के बागी ने भाजपा के वोट बैंक पर सेंध मारी है। वहीं, चंगर में थिल, बारी, महादेव, डोला खरियाना, पुखरू, लगड़ू, बग्गी सलिहार, सुराणी, अलुहा, टिहरी, मझीन, स्यालकड़, टिपरि, जरुन्दी, नाहलियां पीहडी गलोटी, घरना, खुंडीयां पंचायतें आतीं हैं। ज्वालामुखी में राजपूत सबसे अधिक मतदाता हैं तो दूसरे नबंर पर ओबीसी मतदाता हैं। उसके बाद अनुसूचित जाति के मतदाता हैं। उसके बाद ब्राहम्ण मतदाता आते हैं। अन्य जातियां उसके बाद हैं। यहां चंगर के राजपूत व बलिहार के ब्राहम्ण मतदाता राजनिति की दशा व दिशा तय करते आये हैं। लेकिन इस बार हालात बदले हैं।

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ओबीसी मतदाता जो भाजपा के साथ रहता था, इस बार बागी उम्मीदवार की वजह से बंट गया है। इस मत विभाजन का नुकसान भाजपा को ही हो रहा है। यहां भाजपा उसी सूरत में जीत सकती है, जब आबीसी वोट भाजपा के पक्ष में आ जाये और भाजपा के बागी के पक्ष में कम मतदान हो। और आप को आजाद से अधिक वोट मिलें।

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English summary
Himachal Election 2022: Jwalamukhi Assembly seat BJP Congress Ravindra Singh Ravi Sanjay Ratan
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