हिमाचल हारने के बाद सीएम वीरभद्र सिंह ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जनादेश को स्वीकारते हुये राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अपनी सरकार का इस्तीफा सौंप दिया है। राज्यपाल ने उसे स्वीकार करते हुए वीरभद्र सिंह से नई सरकार के गठन तक मंत्रिमंडल के साथ-साथ अपने पद पर बने रहने का आग्रह किया है।
हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा को 44 सीटों के साथ बहुमत मिला है और कांग्रेस को 21 सीटें मिली है जिससे अगली सरकार भाजपा की ही बनेगी। हलांकि वीरभद्र सिंह ने इस बार अर्की सीट से चुनाव जीता है। यह उनकी नौंवी जीत है लेकिन कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने में नाकाम रही है।
हिमाचल में कांग्रेस को मिली हार की जिम्मेवारी सीएम मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने खुद पर ले ली है। उन्होंने कहा कि हार की जिम्मेवारी मैं खुद लेता हूं। मैं मुख्यमंत्री था तो हार की जिम्मेवारी कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ मेरी भी बनती है। वीरभद्र ने देवभूमि में मिली हार का मुख्य कारण बताते हुए कहा कि संसाधनों की कमी के चलते कांग्रेस को हार का सामना करना है और आला नेताओं की कमी भी खली। उन्होंने कहा कि जनता की मर्जी है ये जनता का फैसला है।
उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद थी कि हमारी पार्टी फिर सत्ता में आएगी क्योंकि हमने प्रदेश में बहुत विकास किया था, लेकिन यह जनता की मर्जी है, जनता का फैसला है और हम उसका स्वागत करते है। उन्होंने भाजपा को पार्टी की जीत पर बधाई दी। व अपनी पार्टी के नेता राजिंद्र राणा को भी बधाई दी जिन्होंने प्रेम कुमार धूमल को हराकर सुजानपुर की सीट पर कब्जा किया।
धूमल,
सत्ती
से
हमदर्दी
लेकिन
मोदी
पर
तंज
वीरभद्र
सिंह
ने
भाजपा
नेता
धूमल
व
सत्ती
की
हार
पर
दोनों
नेताओं
के
प्रति
हमदर्दी
जताते
हुये
ट्वीट
किया
है।
वीरभद्र
सिंह
ने
भाजपा
के
वरिष्ठ
नेताओं
की
हार
पर
दुख
जताते
हुए
कहा
कि
मोदी
मैजिक
भी
इन्हें
नहीं
बचा
पाए।
वीरभद्र
सिंह
ने
कहा
है
कि
भाजपा
के
सीएम
पद
के
उम्मीदवार
प्रेमकुमार
धूमल
और
भाजपा
के
प्रदेश
अध्यक्ष
सतपाल
सत्ती
की
हार
को
भी
मोदी
मैजिक
नहीं
बचा
पाया।
वीरभद्र
सिंह
ने
ट्वीट
में
कहा
कि
राज्य
में
कोई
मोदी
मैजिक
नहीं
था।
यह
तो
मोदी
का
धन
था,
जिसने
यहां
काम
किया
और
भाजपा
ने
जीत
दर्ज
की।
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