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हिमाचल में वीरभद्र युग के अंत की शुरुआत है राहुल युग का आगाज

By Rajeevkumar Singh
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शिमला। राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के साथ ही हिमाचल की राजनिति में अब वीरभद्र सिंह के राजनैतिक करियर पर विराम लगने का समय आ गया है। 18 दिसंबर को प्रदेश के चुनावों में कांग्रेस की जीत होती है या हार, यह तो समय ही बतायेगा लेकिन अब प्रदेश की राजनिति से वयोवृद्ध कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह की विदाई लगभग तय है।

वीरभद्र सिंह से नाखुश राहुल

वीरभद्र सिंह से नाखुश राहुल

कांग्रेस पार्टी में राहुल युग की शुरुआत के साथ ही अब बदलाव की भी तैयारी शुरू हो गई है जिसके तहत पार्टी में अब युवा नेतृत्व ही आगे लाया जायेगा। वीरभद्र सिंह चूंकि 83 साल के हो चुके हैं, लिहाजा उन्हें राहुल गांधी अब अगली पारी खेलने के लिये शायद ही खुला हाथ दें। दरअसल वीरभद्र सिंह का अडिय़ल रवैया हो या उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामले ,राहुल गांधी वीरभद्र सिंह से नाखुश बताये जाते रहे हैं।

राहुल के नामांकन के समय नहीं आए थे वीरभद्र

राहुल के नामांकन के समय नहीं आए थे वीरभद्र

राजनैतिक जानकारों की मानें तो वीरभद्र सिंह व राहुल गांधी के रिश्तों में पहले ही खटास आती रही है। चुनावों के दौरान भी वीरभद्र सिंह ने जिस तरीके से पार्टी के फैसलों के खिलाफ अंदोलन चलाया व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह सुक्खू को हटाने पर अड़े रहे। उससे राहुल गांधी वीरभद्र सिंह से खासे नाराज बताये जाते रहे हैं। राहुल गांधी ने भले ही चुनावों से पहले वीरभद्र सिंह को टिकट आवंटन व नेतृत्व देने की मांग मान ली हो लेकिन तमाम दबाव के बावजूद पार्टी अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह सुक्खू को राहुल गांधी की वजह से ही हटाया नहीं जा सका।

वहीं टिकट आवंटन में भी पूरी तरह वीरभद्र सिंह की नहीं चलने दी गई व कुछ लोगों को चुनावों में टिकट सीधे राहुल गांधी के दखल के बाद दिये गये। चुनावों के बाद खुद वीरभद्र सिंह ने भी पार्टी के टिकट आवंटन के फॉर्मूले पर उंगलियां उठाई थीं व बाद में वीरभद्र सिंह अपनी सेहत में सुधार के लिये केरल चले गये। दोनों नेताओं में चल रहे मनमुटाव का ही परिणाम था कि पार्टी की सरकार होने के बावजूद वीरभद्र सिंह राहुल गांधी के नामांकन के समय दिल्ली में नहीं आये।

वीरभद्र ने राहुल को दी रस्मी बधाई

वीरभद्र ने राहुल को दी रस्मी बधाई

आज जब राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष चुने जा चुके हैं तो वीरभद्र सिंह ने इसका रस्मी तौर पर स्वागत किया है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने राहुल गांधी को आज सर्वसम्मति से कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुने जाने के लिए बधाई देते हुये कहा कि इससे न केवल पार्टी में नई ऊर्जा और उत्साह को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पार्टी के कैडर को प्रोत्साहित करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उनका नेतृत्व देश में कांग्रेस पार्टी के साथ और अधिक लोगों को जोड़ने के साथ-साथ इसे और मजबूत बनाएगा।

क्या वीरभद्र युग का अंत होगा?

क्या वीरभद्र युग का अंत होगा?

उन्होंने आशा व्यक्त की कि राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष चुने जाने पर कांग्रेस पार्टी नए उत्साह और जीवन शक्ति के साथ आगे बढ़ेगी जो आने वाले भविष्य में पार्टी को नई दिशा प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने सफल कार्यकाल, उनकी क्षमता और विचारों के साथ पार्टी में नई ऊर्जा के लिये राहुल गांधी को दिल से बधाई दी और उनकी प्रशंसा की। वीरभद्र सिंह ने निवर्तमान पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी को पार्टी के सफल नेतृत्व और अपने कार्यकाल के दौरान पार्टी को केन्द्र में दो बार सत्ता में लाने के लिये उनका आभार प्रकट किया लेकिन तमाम घटनाक्रम को देखा जाये तो आने वाले दिनों में वीरभद्र युग का अंत लगभग तय है।

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English summary
After starting Rahul era, end of Virbhadra era in Himachal Pradesh.
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