हाथरस डीएम ने कहा- पिता और भाई की सहमति से हुआ अंतिम संस्कार, परिजन बोले- नहीं दी सहमति
हाथरस। 19 साल की दलित लड़की के साथ जो हुआ उससे ज्यादा भयानक और हैवानियत भरा कुछ नहीं हो सकता। तो वहीं, 2:40 बजे बिना किसी रीति रिवाज के पुलिस ने पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार करवा दिया। इस दौरान पीड़िता की मां पुलिस के आगे बिलखती रहीं और गिड़गिड़ाती कि वो बेटी को अपनी देहरी से हल्दी लगाकार विदा करेंगीं। घरवाले गुहार लगाते रहे, वो भीख मांगते रहे कि 15 मिनट के लिए बेटी के आखिरी दर्शन कर लेने दिए जाएं, लेकिन परिवार वालों की एक न सुनी गई और जबरन पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुखाग्नि भी पुलिस वालों ने ही दी। हालांकि, इस पूरे मामले पर बुधवार की सुबह हाथरस डीएम का बयान सामने आया है।
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पिता
और
भाई
ने
दी
ती
सहमति
हाथरस
के
जिलाधिकारी
ने
बुधवार
की
सुबह
मीडिया
से
बात
करते
हुए
कहा,
'परिवार
की
सहमति
के
बिना
अंतिम
संस्कार
किए
जाने
का
आरोप
गलत
है।
पिता
और
भाई
ने
रात
में
अंतिम
संस्कार
करने
के
लिए
अपनी
सहमति
दी।
अंतिम
संस्कार
के
समय
परिवार
के
सदस्य
भी
मौजूद
थे।
पीड़ित
के
शव
को
ले
जाने
वाले
वाहन
12:45
बजे
से
2:30
बजे
तक
गांव
में
मौजूद
था।'
क्या
कहा
पीड़िता
के
भाई
ने
लड़की
के
भाई
ने
बुधवार
सुबह
पत्रकारों
से
बात
करते
हुए
कहा
कि
'हम
लोगों
ने
पुलिस
से
बहुत
कहा
कि
शव
हमें
दें।
हम
उसका
सुबह
दाह
संस्कार
करेंगे,
लेकिन
पुलिस
ने
हमारी
नहीं
सुनी।
वो
जल्दबाजी
में
थे
और
हमें
अंतिम
संस्कार
करने
के
लिए
मजबूर
कर
रहे
थे।
हम
लोगों
से
जबरन
सहमति
पत्र
पर
हस्ताक्षर
करवाए
और
आधी
रात
को
शव
जला
दिया।
हम
लोगों
को
पुलिस
पर
विश्वास
नहीं
है।
हम
लोगों
की
जान
को
भी
खतरा
है।'
पुलिस
पर
धमकी
और
धक्कामुक्की
का
आरोप
पीड़िता
के
भाई
ने
आरोप
लगाया
कि
जब
उन
लोगों
ने
बेटी
का
संस्कार
करने
से
इनकार
कर
दिया
तो
पुलिस
गुस्से
में
हो
गई।
पुलिस
ने
उन
लोगों
को
धमकी
दी
आरोप
है
कि
उनके
घरवालों
के
साथ
धक्का-मुक्की
भी
की
गई।
कुछ
लोगों
को
घर
में
बंद
कर
दिया
गया
तो
कुछ
डरकर
अपने
घरों
में
बंद
हो
गए।