रास्ता खोलने को लेकर किसानों और हाई पवार कमेटी में बैठक, जल्द निकल सकता है कोई हल
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर: नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन पिछले एक साल से जारी है। किसान लगातार दिल्ली से लगती सीमाओं पर अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। जिससे कई जगहों पर सड़कें ब्लॉक हैं और लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है। इसको लेकर हरियाणा सरकार ने एक हाई पावर कमेटी का गठन किया था, जिसने मंगलवार को किसानों के साथ बैठक की। हालांकि अभी सड़क खोलने पर सहमति नहीं बन पाई है, लेकिन कमेटी ने उम्मीद जताई कि अभी दोनों पक्ष आगे वार्ता जारी रखेंगे।
मामले में हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि राज्य सरकार की हाई पावर कमेटी ने बहादुरगढ़ में किसान आंदोलन के प्रतिनिधियों के साथ बात की। जिसमें दिल्ली टिकरी बॉर्डर से प्रदर्शनकारियों को हटाने पर चर्चा हुई। उन्होंने आगे कहा कि सौहार्दपूर्ण माहौल में बैठक संपन्न हुई। हम सड़कों को फिर से खोलने के लिए काम करना जारी रखेंगे। बैठक में ACS के अलावा डीजीपी पीके अग्रवाल, ADGP संदीप, कमिश्नर पंकज यादव, झज्जर डीसी श्यामलाल पूनिया, झज्जर एसपी वसीम अकरम और सोनीपत के एसपी राहुल शर्मा शामिल थे।
वहीं किसानों के अलावा उद्योगपतियों और व्यापारियों को भी बैठक में शामिल किया गया। उन्होंने अपनी मांगें रखते हुए कहा कि 11 महीने से ज्यादा वक्त से टिकरी, सिंघु बॉर्डर बंद है। जिससे सामान लाने ले जाने में दिक्कत हो रही है। इसके अलावा उनकी फैक्ट्रियों में भी काम ठप पड़ा, ऐसे में जल्द से जल्द रोड खुलवानी चाहिए। इस पर अधिकारियों ने कहा कि वो बातचीत के जरिए समस्या का समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं।
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सुप्रीम
कोर्ट
के
आदेश
पर
बनी
कमेटी
आपको
बता
दें
कि
ये
मामला
सुप्रीम
कोर्ट
पहुंचा
था,
वहां
से
राज्य
सरकार
को
इस
मामले
में
एक
हाई
पवार
कमेटी
बनाने
का
निर्देश
मिला।
जिसके
बाद
इसका
गठन
किया
गया।
वहीं
बैठक
के
बाद
किसान
संगठनों
के
प्रतिनिधियों
ने
कहा
कि
सरकार
उन्हें
कानूनी
रूप
से
अपने
जाल
में
फंसाने
की
कोशिश
कर
रही
है,
लेकिन
वो
सब
समझते
हैं।
दिल्ली
और
हरियाणा
पुलिस
ने
रास्ता
बंद
कर
रखा
है,
वही
उसे
खोल
सकते
हैं।