हरिद्वार कुंभ मेले में लगाए गए 310 CCTV, सीएम तीरथ ने कहा- देवस्थानम बोर्ड में शामिल मंदिर हो सकते है बाहर
हरिद्वार कुंभ मेले में लगाए गए 310 CCTV, सीएम तीरथ ने कहा- देवस्थानम बोर्ड में शामिल मंदिर हो सकते है बाहर
हरिद्वार। देवस्थानम बोर्ड में शामिल किए गए 51 मंदिरों को उत्तराखंड की तीरथ सिंह रावत सरकार बोर्ड से बाहर कर सकती है। तीरथ सरकार ने कहा देवस्थानम बोर्ड के बारे में पुनर्विचार किया जाएगा। इसके लिए जल्दी ही चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों की बैठक भी बुलाई जाएगी। कहा कि शंकराचार्यों द्वारा प्राचीनकाल से जो व्यवस्था की गई है उसी का पालन किया जाएगा। उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं होगी और न ही किसी के अधिकारों में कटौती होगी।
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दरअसल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत हरिद्वार दौरे पर है। हरिद्वार दौरे के दौरान सीएम तीरथ सिंह रावत ने कुंभनगरी में शराब बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की घोषणा भी की। साथ ही हरिद्वार के सीसीआर टॉवर पहुंचकर पुलिस सर्विलांस सिस्टम के कमांड एन्ड कंट्रोल रूम और आदर्श बैरक का उद्धघाटन किया। उद्धघाटन के दौरान सीएम कहा, 'पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हरिद्वार कुंभ को सुरक्षित तरीके से आयोजित करने के लिए हमारी सरकार दृढ़संकल्पित है। इसी कड़ी में हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में 310 सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं, जो सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होंगे।'
मिलेगी
मुफ्त
यात्रा
की
सुविधा,
शराब
पर
रहेगा
प्रतिबंध
सीएम
तीरथ
सिंह
रावत
ने
कहा
कि
कुंभ
मेले
के
दौरान
हरिद्वार
गंगा
स्नान
के
लिए
आने
वाली
महिला
श्रद्धालुओं
को
रोडवेज
की
बसों
में
मुफ्त
यात्रा
की
सुविधा
मिलेगी।
इस
बाबत
परिवहन
विभाग
को
निर्देश
दे
दिए
गए
हैं।
यह
सुविधा
पूरे
प्रदेश
में
लागू
होगी।
तो
वहीं,
कुंभ
नगरी
में
शराब
पर
पूरी
तरह
से
प्रतिबंध
रहेगा
और
इसके
लिए
उन्होंने
अधिकारियों
को
आवश्यक
आदेश
कर
दिए
हैं।
देवस्थानम
बोर्ड
का
पुरोहितों
ने
भी
किया
था
विरोध
दरअसल,
देवस्थानम
बोर्ड
का
गठन
पूर्व
सीएम
त्रिवेंद्र
सिंह
रावत
सरकार
में
हुआ
था।
इस
बोर्ड
में
चारों
धाम
समेत
51
मंदिर
को
शामिल
किया
गया
था।
हरिद्वार
से
लेकर
प्रदेशभर
में
तीर्थ
पुरोहितों
ने
इसका
पुरजोर
विरोध
किया
था।
तो
वहीं,
अब
प्रदेश
नए
सीएम
तीरथ
सिंह
रावत
ने
कहा
कि
उनकी
सरकार
देवस्थानम
बोर्ड
पर
सरकार
गंभीरता
से
पुनर्विचार
करेगी।
फिलहाल
बोर्ड
में
शामिल
किए
गए
51
मंदिरों
को
मुक्त
कर
दिया
जाएगा।
जल्दी
ही
चारों
धामों
के
तीर्थ
पुरोहितों
की
बैठक
भी
बुलाई
जाएगी।
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