ग्वालियर में वन विभाग के अमले ने अपने हथियार कर दिए वापस, जानिए वजह
लटेरी की घटना के विरोध में वन विभाग के अमले ने वापस किए हथियार
ग्वालियर, 20 अगस्त। ग्वालियर जिले का वन विभाग का अमला अब बिना हथियारों के ही वन भूमि की रक्षा करेगा क्योंकि वन विभाग के अमले ने अपने सभी हथियार जमा कर दिए हैं। वन विभाग के अमले का कहना है कि जिन हथियारों का इस्तेमाल हम अपनी सुरक्षा के लिए ही नहीं कर सकते हैं उन हत्यारों को कंधे पर टांग कर चलने का फायदा भी क्या है।
लटेरी की घटना के बाद पनप रहा आक्रोश
विदिशा के लटेरी के जंगलों में वन कर्मियों द्वारा की गई फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पुलिस द्वारा डिप्टी रेंजर पर हत्या का मामला दर्ज कर दिया गया। डिप्टी रेंजर पर हत्या का मामला दर्ज होने के बाद प्रदेश के वन विभाग के कर्मचारियों में आक्रोश पनप रहा है और वे हथियार जमा करके अपना आक्रोश प्रकट कर रहे हैं।
ग्वालियर में वन कर्मियों ने जमा कर दिए हथियार
लटेरी में हुए घटनाक्रम के बाद डिप्टी रेंजर पर हत्या का मामला दर्ज होने से वन कर्मियों में आक्रोश पनप रहा है। इसी आक्रोश के चलते वन कर्मियों ने अब विरोध करना भी शुरू कर दिया है। अपना विरोध प्रकट करने के लिए ग्वालियर में वन कर्मियों ने अपने सभी हथियार जमा कर दिए। वनकर्मी एक साथ वन विभाग के कार्यालय में एकत्रित हुए और एक स्थान पर सारे हथियार जमा किए।
हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर सकते तो क्या करेंगे हथियार रख कर
ग्वालियर में हथियार जमा करने वाले वन कर्मियों का कहना है कि हथियार हमें सरकार ने दे तो दिए हैं लेकिन इन हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, अगर हम इन हथियारों का इस्तेमाल करते हैं तो हम पर ही एफआईआर दर्ज कर दी जाती है, जब हम इन्हें का इस्तेमाल ही नहीं कर सकते तो इन्हें कंधे पर लटका कर घूमने का फायदा भी क्या है, इसलिए इन हथियारों को जमा कर रहे हैं।
बिना हथियारों के कैसी होगी सुरक्षा
ग्वालियर इलाके में काले पत्थर और सफेद पत्थर समेत रेत की तस्करी होती है। इसके अलावा जंगलों से पेड़ों की तस्करी भी होती है। ऐसे में वन विभाग का अमला इन माफियाओं से निपटने के लिए निहत्था कैसे उनका सामना कर पाएगा क्योंकि वन विभाग के अमले ने अपने हथियार तो जमा कर दिए। अब अगर ऐसे में वन विभाग के अमले के साथ कोई घटना घटित हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?