chintels paradiso Case: कैसे ढही इमारत, जांच करेगी CBI
गुरुग्राम में चिंटेल पैराडिसो अपार्टमेंट ढहने के मामले की जांच सीबीआई करेगी। मामले में सीबीआई की तरफ से डेवलपर को आरोपी बनाया गया है।
पिछले वर्ष गुरुग्राम में चिंटेल पैराडिसो अपार्टमेंट ढह गया था। बिल्डिंग कैसे गिरी थी और क्यों गिरी थी, इसका पता सीबीआई लगाएगी। इसको लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को प्राथमिकी भी दर्ज कर ली है। एएनआई के मुताबिक प्राथमिकी में चिंटेल पैराडिसो के डेवलपर अशोक सालोमन को आरोपी बनाया गया है।
दरअसल, फरवरी 2022 में टावर डी के छठी मंजिल के अपार्टमेंट का एक हिस्सा सीधा ढह गया था। जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे। मामले में एफआईआर गैर इरादतन हत्या की आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज की गई है।
मामले की जांच हरियाणा सरकार की तरफ से कराई गई थी। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सरकार ने 18 जुलाई, 2022 को इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया, जिसे केंद्र ने पिछले साल 29 दिसंबर को सीबीआई को बता दिया था।
प्रक्रिया के अनुसार सीबीआई ने हरियाणा पुलिस की प्राथमिकी की जांच अपने हाथ में ली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल 10 फरवरी को, गुरुग्राम के सेक्टर 109 में चिंटेल पैराडिसो में एक छठी मंजिला अपार्टमेंट के डाइनिंग रूम का फर्श टूट गया, जिससे छतें और फर्श सीधे नीचे गिर गए। बिल्डिंग के गिरने से रेखा भारद्वाज और सुनीता श्रीवास्तव की मौत हो गई थी।
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घटना के बाद मामले की जांच का आदेश दिया गया था। साथ ही आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों की एक टीम को संरचनात्मक ऑडिट करने के लिए बुलाया गया था। 8 नवंबर 2022 को सेफ्टी ऑडिट की फाइनल रिपोर्ट उपायुक्त निशांत कुमार यादव को सौंपी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टावर की बिल्डिंग में स्ट्रक्चरल खामियां पाई गई थीं और रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि "तकनीकी और आर्थिक आधार पर बिल्डिंग की मरम्मत भी नहीं कराई गई थी।"
अधिकारियों ने समिति के संरचनात्मक आकलन और सिफारिशों के आधार पर टावर के विध्वंस के साथ-साथ पड़ोसी टावर ई और एफ की निकासी की सिफारिश की। वेबसाइट मनी कंट्रोल ने बताया कि बिल्डर का वेतन परियोजना को पूरा करने में लगने वाले समय पर आधारित है।
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