Flashback 2019: गुजरात की वो 10 घटनाएं जिन्होंने बटोरीं देश में सुर्खियां, कभी मिली खुशी तो कहीं छोड़ीं दर्दभरी निशानियां
गांधीनगर. नए साल 2020 की आहट सुनाई देने लगी है। मौजूदा वर्ष 2019, गुजरात के लिहाज से सियासी तौर पर काफी उठा-पटक वाला रहा। साल की शुरूआत से लोकसभा चुनावों तक भाजपा, कांग्रेस, एनसीपी एवं स्थानीय रणबांकुरों के बीच जोरदार दंगल देखने को मिला। सत्ताधारी भाजपा ने विपक्षियों को हथियाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस राज्य विधानसभा में लगातार कमजोर होती चली गई। विगत पूर्ण विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं, जो लोकसभा चुनाव 2019 तक 70 के आंकड़े से भी नीचे चली गईं। कई विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वॉइन कर ली। हार्दिक पटेल ने घोषित तौर पर कांग्रेस ज्वॉइन की तो उनके साथी अल्पेश ठाकोर और धवल झाला बगावत कर भाजपा में चले गए। विगत लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस एकतरफा हारी, जबकि भाजपा ने सारी सीटें दुबारा जीत लीं। इसके अलावा 2019 में बहुत सी गैरराजनीतिक, अपराधिक और प्राकृतिक घटनाएं ऐसी हुईं, जिनकी चर्चा अगले वर्ष तक होगी।
Oneindia.com आज आपको यहां 'ईयर एंडर 2019' सीरीज के तहत बता रहा है, गुजरात में घटी प्रमुख 10 घटनाओं के बारे में। इनमें से कई घटनाएं पूरी देश की सुर्खियां बनीं। कई आपदाएं भी आईं, जिनसे हाहाकार खूब मचा। राज्य के हिस्से कुछ उपलब्ध्यिां भी आईं, जिनसे देश में गुजरात की नाक उूंची हो गई। तो जानिए अभी..
भारत में पहली बार गुजरात में 'कांगो' वायरस का हमला
गुजरात
में
'चांदीपुरा'
वायरस
के
बाद
इस
साल
'कांगो'
वायरस
ने
दस्तक
दे
दी।
इस
वायरस
की
जद
में
आने
से
कई
लोगों
की
मौत
हो
गई।
क्रीमियन-कांगो
हेमोरेजिक
फीवर
(CCHF)
नामक
इस
प्राणघातक
बीमारी
के
30
से
ज्यादा
संदिग्ध
मामले
सामने
आए।
जिन
लोगों
में
कांगो
वायरस
के
लक्षण
मिले,
उनमें
से
ज्यादातर
यूपी,
बिहार
और
मध्य
प्रदेश
के
मजदूर
थे।
डॉक्टरों
के
मुताबिक,
यह
वायरस
पालतू
पशुओं
के
जरिए
फैला।
वहीं,
इससे
पहले
'चांदीपुरा'
वायरस
का
प्रकोप
भी
देखने
को
मिला
था।
इस
वायरस
ने
छोटे
बच्चों
को
शिकार
बनाया।
विभाग
ने
बताया
कि
गुजरात
के
मोरबी
जिले
में
कांगो
वायरस
के
11
संदिग्ध
मामले
पाए
गए।
भारत
में
गुजरात
से
पहले
कांगो
वायरस
का
हमला
कहीं
नहीं
हुआ
था।
यह
प्राणघातक
संक्रमण
अफ्रीका,
यूरोप
एवं
अन्य
कुछ
एशियाई
देशों
में
फैलता
था।
वर्ष
2001
के
दौरान
कोसोवो,
अल्बानिया,
ईरान,
पाकिस्तान
और
दक्षिण
अफ्रीका
में
इसके
काफी
केसेज
दर्ज
किए
गए।
इस
बीमारी
की
चपेट
में
आने
वाले
व्यक्तियों
की
मौत
की
आशंका
बहुत
ज्यादा
होती
है।
एक
बार
संक्रमित
हो
जाने
पर
इसे
पूरी
तरह
से
शरीर
में
फैलने
में
तीन
से
नौ
दिन
लग
सकते
हैं।
मंदी और आर्थिक तंगी से हजारों परिवारों के लिए रोजी—रोटी का संकट
इस साल वैश्चिक मंदी का गुजरात में बड़ा प्रभाव दिखा। हीरा श्रमिकों की यूनियन के अनुसार, सूरत में ही 28000 से ज्यादा हीरा श्रमिकों से नौकरी छिन गई। यूनियन ने चेताते हुए बताया कि सरकार ने जल्द कुछ नहीं किया तो ऐसे बेरोजगारों की संख्या 50000 से ज्यादा हो जाएगी। वहीं, सिरेमिक उद्योग और फाउंड्रीज इंडस्ट्री भी चौपट होती नजर आईं। इन दोनों क्षेत्रों में एक लाख से ज्यादा लोगों से काम-धंधा छिन गया।
टिड्डों ने की किसानों की बर्बादी
करीब 26 साल बाद टिड्डी दल का गुजरात की भूमि पर बड़ा हमला हुआ। पाकिस्तान से सटे इलाकों में हजारों हेक्टेयर फसलें टिड्डियों ने चट कर डालीं। दिसंबर 2019 की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तरी गुजरात में टिड्डीयों ने तीन महीने के भीतर दूसरी बार धावा बोलते हुए करीब 10,000 एकड़ भूमि की फसलें टिड्डी दल ने नष्ट कर दी। कृषि मंत्रालय के टिड्डी नियंत्रण विभाग ने 1.5 लाख लीटर कीटनाशक का छिड़काव कराया था। साथ ही प्रभावित क्षेत्र में निगरानी भी रखी गई, फिर भी 3 से 4 लाख हेक्टेयर की फसलों को नुकसान होने का अंदाजा है। जिन फसलों को टिड्डियों ने नुकसान पहुंचाया, उनमें अरंडी, जीरा, रायडू और अन्य फसलें शामिल हैं।
देश में सबसे ज्यादा यहां दिखा मगरमच्छों का खौफ
इसी साल जुलाई से अक्टूबर तक की बारिश के दौरान गुजरात का वडोदरा शहर बाढ़ से जूझा। अगस्त में हुई भारी बारिश से विश्वामित्री नदी में उफान आ गया था। उस नदी से जलीय जीव वडोदरा तक बह गए। मगरमच्छ, कछुए और भी कई जीव मानव बस्तियों में नजर आने लगे थे। इस साल देश में सबसे ज्यादा मगरमच्छ इसी शहर से पकड़े गए। आरएफओ निधि दवे के मुताबिक, मानसूनी सीजन में 22 सितंबर तक 76 मगरमच्छ पकड़े गए। जिनमें से 41 मगरमच्छों को 16 अगस्त के बाद पकड़ा गया था।
बदनाम 'हरामी नाला', जहां से हिंदुस्तान में घुसे घुसपैठिए
इस साल कश्मीर के मसले को लेकर पाकिस्तान की ओर से हुई तमाम तरह की भड़काने वाली हरकतों के बीच इंटेलिजेंस एजेंसियों ने आगाह किया किया गुजरात में कच्छ के 'हरामी नाला' से आतंकियों की घुसपैठ हो सकती है। जिसके बाद हिंदुस्तानी सुरक्षाबलों ने चौकसी बढ़ा दी। करीब 100 किलोमीटर लंबे सर क्रीक एरिया में 22 किलोमीटर के समुद्री चैनल के जरिए पाकिस्तान ने अंडरवॉटर अटैक की तैयारी की थी। जिसे भांपते हुए 27 अगस्त को नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा था कि जैश-ए-मोहम्मद ने अपना एक मैरिटाइम विंग तैयार किया है, जो अपने आतंकियों को अंडरवॉटर हमलों की ट्रेनिंग दे रहा है। उन्हीं दिनों बीएसएफ के खास दस्ता क्राकोडाइल कमांडोज ने 2 घुसपैठियों को 'हरामी नाला' से पकड़ा। उसके अलावा सालभर कच्छ बॉर्डर पर भी संदिग्ध बोट मिलती रहीं। 10 से ज्यादा पाकिस्तानी घुसपैठिए दबोचे गए।
कांग्रेस छोड़ भाजपा की ओर से लड़ा चुनाव, फिर भी हारे अल्पेश और झाला
इस साल लोकसभा चुनाव और फिर विधानसभा के उपचुनावों में गुजरात के सियासी गलियारों में खासा उठा-पटक रही। 2014 की तरह सत्ताधारी भाजपा इस बार भी सभी 26 लोकसभा सीटें जीत गई। हालांकि, फिर गुजरात की 6 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम में कांग्रेस भारी पड़ी। कांग्रेस के करीबी नेता धवल सिंह झाला और अल्पेश ठाकोर ने बगावत करते हुए भाजपा ज्वॉइन की थी। हालांकि, अक्टूबर में जारी हुए चुनाव परिणाम में दोनों विधायक चुनाव हार गए। वे मंत्री बनने का सपना देख रहे थे, लेकिन हार मिलने से कुछ हाथ नहीं लगा।
भाजपा नेता जयंती भानुशाली मर्डर केस
विगत 7 जनवरी 2019 की देर रात करीब 2 बजे भुज-दादर एक्सप्रेस ट्रेन के एसी कोच में अज्ञात शूटर द्वारा जयंतीलाल भानुशाली को गोलियां मारी गई थीं। वहीं, जयंती (53 वर्ष) की मौत हो गई थी। घटना के बाद पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू की। प्रारंभ में पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा। जिनके नाम नीतिन औऱ राहुल बताए गए। उसके बाद शार्प शूटर शशिकांत कांबले और उसके साथी अशरफ शेख को सापुतारा से दबोचा गया। वहीं, वांछित चल रहे मनीषा गोस्वामी और सुरजीत 5 नवंबर को यूपी में पकड़ लिए गए। यह केस सालभर चर्चा में रहा।
हत्या कर कटर से कर दिए थे लाश के 100 टुकड़े, सिर-अंगुलियां साथ ले गया था हत्यारा
अहमदाबाद में सरदार पटेल रिंगरोड स्थित असलाली गांव के पास एक चायवाले की दुकान के सामने काले रंग के दो बैग पड़े मिले थे। उन बैगों से बदबू आ रही थी। पुलिस ने उन्हें खोलकर देखा तो होश उड़ गए। बैगों में एक युवक की लाश के करीब 100 टुकड़े पड़े थे। लाश का सिर और अंगुलियां नहीं थीं। लाश 25 से 30 साल के किसी युवक की थी। पुलिस उपाधीक्षक के.टी कामरिया ने बताया था कि मृतक के कटर से 100 टुकड़े किए गए। हालांकि, मृतक की पहचान और उसके हत्यारे का कई दिनों तक सुराग नहीं लग पाया।
'हर घर को नल से जल' योजना में दूसरे नंबर पर आया गुजरात
केंद्र सरकार की 'हर घर को नल से जल' योजना में गुजरात ने देशभर में इस साल दूसरा स्थान हासिल किेया। देश के जिस 82% हिस्से में पाइप से पानी की सुविधा मौजूद नहीं है, ये राज्य उन्हीं में से एक बताया गया था। जबकि, नॉर्थ ईस्ट में स्थित सिक्किम ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा यानि 99% घरों में पाइप से पानी पहुंचाया जा रहा है। सिक्किम के बाद दूसरा नंबर गुजरात का है, जहां 79% घरों में नल से जल की सुविधा है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ने बनाए पर्यटकों और कमाई के रिकॉर्ड
केवडिया
में
नर्मदा
नदी
के
तट
पर
स्थित
दुनिया
की
सबसे
ऊंची
मूर्ति
'स्टैच्यू
ऑफ
यूनिटी'
ने
इस
साल
कई
रिकॉर्ड
बनाए।
यह
प्रतिमा
अपने
उद्घाटन
के
एक
वर्ष
पूरा
होने
के
दौरान
ही
देश
में
सर्वाधिक
कमाई
करने
वाली
पर्यटन
स्थल
बन
गई।
अथॉरिटी
के
मुताबिक,
इस
पर
हर
रोज
औसतन
12
लाख
खर्च
हुए,
लेकिन
कमाई
65
करोड़
रुपए
से
ज्यादा
हुई।
सालभर
में
27
लाख
से
ज्यादा
लोग
स्टैच्यू
ऑफ
यूनिटी
पहुंचे।
अनावरण
के
पहले
11
दिनों
में
1,28,000
से
अधिक
पर्यटक
पहुंचे
थे।
शुरुआती
दिनों
के
दौरान
वीकेंड
पर
लगभग
50,000
पर्यटक
आए
थे।
इसी
साल
जन्माष्टमी
के
एक
दिन
बाद
34
हजार
पर्यटक
लौहपुरुष
सरदार
वल्लभ
भाई
पटेल
की
इस
प्रतिमा
को
देखने
पहुंचे।
जिससे
24
घंटे
के
अंदर
ही
34000
पर्यटकों
के
पहुंचने
का
रिकॉर्ड
दर्ज
हो
गया।
यह
संख्या
अब
तक
एक
दिन
में
पहुंचे
टूरिस्ट्स
की
सबसे
बड़ी
संख्या
है।
वर्ष
2019
में
ही
इस
प्रतिमा
को
टाइम
की
टॉप-100
ग्रेट
साइट्स
में
जगह
मिली।
एक
अधिकारी
ने
बताया
कि
अब
15000
से
अधिक
पर्यटक
रोज
यहां
पहुंच
रहे
हैं।
केंद्रीय
मंत्री
ने
पीयूष
गोयल
ने
कहा,
आगामी
5
साल
में
'स्टैच्यू
ऑफ
यूनिटी'
1
लाख
करोड़
रुपए
की
आय
होगी।
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