गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी जानिए कितनी संपत्ति के हैं मालिक
नई दिल्ली, 28 सितंबर: गुजरात के वडगाम विधानसभा से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने अपना कांग्रेस को समर्थन दिया है। राहुल गांधी की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस को अपना साथ देने का ऐलान किया है। मंगलवार को मेवाणी कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के मकसद से दिल्ली आए, लेकिन निर्दलीय विधायक होने के चलते किसी कारण से पार्टी में शामिल नहीं हो पाए। ऐसे में उन्होंने मीडिया के सामने साफ कहा कि अब वो अपना कांग्रेस को समर्थन देंगे। जिग्नेश मेवाणी गुजरात में एक सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने साल 2017 में निर्दलीय उम्मीदवार बनकर वडगाम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। जिग्नेश मेवाणी दलित परिवार से आते हैं। उनको दलित अधिकारों का नेता भी माना जाता है। अब जिग्नेश ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली है। आइए, जानते हैं की वो कितनी संपत्ति के मालिक हैं।
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ऊना आंदोलन से बने दलित नेता
साल 1980 में गुजरात के मेहसाणा में जन्में जिग्नेश अंग्रेजी लिटरेचर से ग्रेजुएट हैं और वकील होने के साथ-सला के साथ पत्रकार भी रह चुके हैं। 2016 में गुजरात में मरी हुई गाय की चमड़ी उतारने वाले कुछ युवकों की पिटाई के बाद भारी संख्या में दलित समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था, इस आंदोलन की अगुवाई जिग्नेश मेवाणी ने ही थी। उन्होंने गुजरात सरकार पर खूब हमला किया था, जिसके बाद इस आंदोलन से जिग्नेश एक दलित नेता के रूप में उभरकर आए।
जानिए जिग्नेश मेवाणी की संपत्ति
विधानसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के मुताबिक जिग्नेश मेवाणी के पास 10 लाख रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। इसमें 1.25 लाख कैश और 9 लाख की एलआईसी या अन्य बीमा पॉलिसियां शामिल हैं। इसके अलावा उनके पास किसी भी तरह की कृषि भूमि, गैर कृषि भूमि, वाणिज्यिक भवन और आवासीय भवन के नाम पर संपत्ति का ब्योरा नहीं है। वहीं मेवाणी पर किसी की देनदारी भी नहीं है। वो किसी तरह का टैक्स, लोन नहीं देते हैं। कुल मिलाकर उनके पास 10.25 लाख की कुल संपत्ति है।
बीजेपी प्रत्याशी को हराया था चुनाव
कांग्रेस ज्वाइन करने वाले जिग्नेश मेवाणी ने साल 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीति में एंट्री की थी। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा और वडगाम विधानसभा सीट से भाजपा के विजयकुमार चक्रवर्ती को 19,696 मतों के अंतर से हराकर विजय हासिल की। इससे पहले वो गुजरात में आम आदमी पार्टी से भी जुड़े थे, लेकिन थोड़े ही वक्त में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
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