स्वेच्छा से नामांकन लिया वापस", कंचन जरीवाला ने जारी किया बयान, AAP ने लगाए थे किडनैपिंग के आरोप
Kanchan Jariwala, गुजरात में आज पूरे दिन बड़ा सियासी नाटक देखने को मिला। आम आदमी पार्टी ने आज बीजेपी पर अपने एक कैडिडेट का किडनैप करने का आरोप लगाया था। लेकिन शाम होते-होते इस पूरे घटनाक्रम में नया ट्विट आ गया। आप जिस उम्मीदवार के लापता होने की बात कह रही है, उसने शाम में अपना नामाकंन वापस ले लिया। सूरत-ईस्ट से आप के कैंडिडेट कंचन जरीवाला अब चुनावी मैदान से हट गए हैं।
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बुधवार दोपहर के बाद कंचन जरीवाला अपना नामांकन वापस लेने के लिए चुनाव अधिकारी के कार्यालय पहुंचे हैं गुजरात की सूरत पूर्व विधानसभा क्षेत्र से आप के प्रत्याशी कंचन जरीवाला पुलिस सुरक्षा के बीच चुनाव अधिकारी के ऑफिस पहुंचे थे। उनके चुनाव कार्यालय में आने का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच नामाकंन वापस करने के लिए ले जाया जा रहा है।
नामाकंन वापस लेने के बाद पूर्व आप कैंडिडेट कंचन जरीवाला ने आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। वीडियो में कंचन ने कहा कि, मैंने अपनी इच्छा से अपना नामांकन वापस लिया है और उनका कोई अपहरण नहीं हुआ है। उन्होंने लोगों में आम आदमी पार्टी के खिलाफ गुस्से को देखते हुए अपना नामांकन वापस लिया है। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आप के तमाम नेताओं के आरोपों को भी खारिज कर दिया।
कंचन जरीवाला ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान लोगों ने मुझसे कहा कि मैं देश विरोधी और गुजरात विरोधी पार्टी का उम्मीदवार क्यों बन गया हूं? फिर मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और बिना किसी दबाव के पर्चा वापस ले लिया। उन्होंने आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी, पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आऱोपों को गलत बताया है।
जरीवाला ने कहा कि, मेरे नामांकन वापस लेने का कारण यह था कि सूरत (पूर्व) विधानसभा में (आप) कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया था। कर्मचारी पैसे की मांग करने लगे। मैं इतना सक्षम नहीं हूं कि 80 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये खर्च कर सकूं। उनकी मांग इतनी थी कि मैं उसे पूरा नहीं कर सका।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सूरत पूर्व से पार्टी के उम्मीदवार कंचन जरीवाला के नामांकन को वापस लेने के मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को चिट्ठी भी लिखी है। मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि जिस तरह से कंचन जारीवाल के नामांकन को रद्द कराया गया है, वो साफ तौर पर पुलिस मशीनरी का ही दुरुपयोग नहीं है बल्कि फ्री और फेयर चुनाव की भावना के भी खिलाफ है। पार्टी का काफी दबाव था। लोग बार-बार फोन कर परेशान कर रहे थे। मैं अपने बेटे के दोस्तों के साथ चला गया, वहां बीजेपी का कोई नहीं था। अब मुझे क्या करना है, 5-7 दिन बाद बताऊंगा।
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इससे पहले आज सुबह अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि, 'सूरत से हमारे प्रत्याशी कंचन जरीवाला और उनका परिवार कल से लापता है। पहले भाजपा ने उनका नामांकन रद्द कराने की कोशिश की, लेकिन उनका नामांकन स्वीकार कर लिया गया। बाद में उन पर नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था। क्या उनका अपहरण कर लिया गया है?