जामुन भी महंगा हुआ इस बार: यहाँ 730 रु किलो का भाव, किसानों ने बताया- क्यों खाना जरूरी है ये फल
जामुन का फल | Jamun fruit or Java plum
सूरत। जामुन के फल आप भी खाते होंगे। गहरे नीले रंग के छिलके एवं गहरे बैंगनी गूदे वाले ये छोटे-छोटे फल वर्षा ऋतु के महीनों में लगते हैं। भारतभर में इस फल की 100 से ज्यादा किस्में हैं। जिन मैदानी राज्यों में भरपूर बारिश होती है, वहां खूब जामुन पकते हैं। हमारे आस-पड़ोस के किसानों के खेतों में इसके पेड़ खड़े दिख जाएंगे, जो सीजन पर जामुनों से लद जाते हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में जामुन का उत्पादन कम हुआ है। ऐसे में यह फल कहीं-कहीं बहुत महंगा हो गया है।
जामुन का फल / Jamun fruit or Java plum
जामुन उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार जैसे राज्यों में खूब मिलते हैं। मगर..ज्यों-ज्यों इसके पेड़ काटे जा रहे हैं और जलवायु परिवर्तन हो रहा है, त्यों-त्यों ये फल भी कम होते जा रहे हैं। जामुन जब महानगरों में बिकते हैं तो 100 रुपए किलो से ज्यादा का भाव होता है। अभी मानसूनी बारिश का सीजन शुरू नहीं हुआ, लेकिन ज्येष्ठ मास में ही जमुन की कई किस्में फल देने लगी हैं। गुजरात में जूनागढ़ के वंथली और मेंदरडा तहसील के गांवों में भी अच्छी किस्म की जामुन पक रही हैं। वंथली में जामुन 730 रुपए प्रति किग्रा के हिसाब से बिका है।
वंथली में जामुन की रिकॉर्ड तोड़ कीमत
क्या पढ़ा..जामुन 730 रुपए किलो? हां जी बिल्कुल। नींबू-संतरा इत्यादि की तरह इस सीजन में इस फल के दाम भी कुछ स्थानों पर मानो आसमान छू रहे हैं। गुजरात में वंथली फल मंडी के कमीशन एजेंट दिनेशभाई कानगड़े ने बताया कि, इस बार जामुन काफी महंगा है। वे 22 साल से इस बाजार से जुड़े हैं, और उन्हें तब हैरानी हुई जब जामुन 700 रुपए से भी ज्यादा के भाव में दिखा। उन्होंने कहा कि, ये जामुन की रिकॉर्ड तोड़ कीमत है।
'पहली बार 730 रुपए/किलोग्राम का भाव'
कानगडे ने कहा, "पहली बार मैंने मंडी में जामुन का रिकॉर्ड भाव 730 रुपए प्रति किलोग्राम देखा है।" वंथली फल मंडी के एजेंट बोले, "एक टोकरी में 7 से 8 किलो जामुन आता है। मंडी में अभी ऐसी 90 से 100 टोकरी की दैनिक आवक है। यदि बारिश ठीक से न हुई तो जामुन महंगा होगा ही, इसमें कोई शक नहीं है। हमारे वंथली मार्केट यार्ड से महाराष्ट्र, बंगाल के कोलकाता और दिल्ली तक माल जाता है।"
हरियाणा-यूपी में अभी देर से पकेंगे जामुन
हरियाणा के एक किसान यशपाल गाहल्याण ने कहा कि, "700 रुपए किलो जामुन का भाव सुनते ही हैरानी होती है। मगर मैं कहूंगा कि ऐसा भाव पूरे देश में तो ऐसा नहीं हो सकता। फलों के भाव में इलाके-इलाके का अंतर होता है और बड़े शहरों में तो ऐसे फल वैसे भी महंगे ही बिकते हैं, जहां लोगों की आय गांव के लोगों के तुलना में कई गुना ज्यादा होती है।"
पूरे देश में इतना महंगा नहीं बिक सकता
किसान ने कहा, "अच्छी बात यह है कि ये भाव मिलने पर गुजरात के किसानों को कम उपज मिलने पर भी भरपूर लाभ हो रहा है, लेकिन इतने महंगे जामुन खाना हर किसी के बस की बात नहीं रह जाएगी।"
कब से कब तक लगते हैं जामुन?
उत्तर प्रदेश में मथुरा के किसानों ने बताया कि, जामुन का सीजन अब शुरू हो गया है। ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन और भादौं हिंदी के 4 मास, यानी चौमांसा..यह वो महीने होते हैं, जिनमें अलग-अलग तरह की जामुन पकती हैं। अब जो जामुन मिल रहे हैं, ये सीजन एक महीने तक रहेगा। उसके बाद दूसरी किस्मों के जामुन पकेंगे। जिनके स्वाद में अंतर होता है।"
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जामुन धरती पर कब से हैं और इसके पेड़ कहां सबसे पहले उगाए गए, इस बात का कोई लिखित प्रमाण नहीं मिलता। हालांकि, शास्त्रों में भी इस फल का जिक्र है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है यह फल युगों से मौजूद है। इसे इंसान, पशु-पक्षी व कीट-पतंगे सभी खाते हैं।
ये फल खाने के कई फायदे
जामुन में फाइबर और मैग्नीशियम भरूपर मात्रा में होता है। इस फल के सेवन से शरीर का पाचन तंत्र ठीक से काम करता है और कब्ज नहीं होती। पाइल्स की समस्या से भी राहत मिलती है।