देश में डेंगू के सबसे ज्यादा 16,565 मरीज गुजरात से, सरकार इस साल क्यों न रोक सकी यहां तांडव?
गांधीनगर. डेंगू-मलेरिया ने गुजरात में स्वास्थ्य विभाग की नींद हराम कर रख दी है। सरकार की कई तैयारियों के बावजूद इस साल डेंगू का प्रकोप रोका नहीं जा सका। इस साल डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 16,565 तक पहुंच चुकी है। जबकि, इससे पिछले वर्ष में 2018 में 5779 मरीज ही सामने आए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशालय के तहत जारी नेशनल वेक्टर-बॉर्न डिजीज सेंट्रल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) के आंकड़ों के अनुसार, डेंगू के मामलों में गुजरात देश में शीर्ष पर है।
इस साल राज्य में 19 जानें डेंगू के डंक से जा चुकीं
आंकड़ों में बताया गया है कि राज्य में पिछले साल 5 मरीजों की डेंगू की वजह से मौत हुई थी। जबकि, इस साल इससे 19 जानें जा चुकी हैं। 2015 में गुजरात में 5590, 2016 में 8028, 2017 में 4753 डेंगू के मामले सामने आये थे। वहीं, 2016 में राज्य में 14 मरीजों की मौत हो गई थी। गुजरात के केबिनेट मंत्री कुंवरजी बावलिया ने एक रिपोर्ट का हवाले देते हुए जसदण में तीन दिनों में तीन लोगों की डेंगू से मौत होने की बात बताई।
गुजरात में डेंगू मरीजों की संख्या 16,565 तक पहुंच गई
ऐसी तमाम रिपोर्ट्स से स्पष्ट हुआ है कि गुजरात डेंगू की स्थिति से छुटकारा पाने में नाकाम है। एक खास बात और देखने में आई है कि, पिछले साल गुजरात पंजाब और राजस्थान से पीछे था। पंजाब में डेंगू के 14,980 और राजस्थान में 9,587 मामले सामने आए थे। मगर, इस साल गुजरात में मरीजों की संख्या 16,565 तक पहुंच गई और बाकी राज्य काफी पीछे रह गए।
यहां डेंगू के 4,000 से अधिक मामले सामने आये
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से यह भी उजागर हुआ है कि डेंगू के मामले एक ही साल में दोगुने से ज्यादा सामने आए हैं। एक स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, राज्य में डेंगू के मामलों में वृद्धि मुख्य रूप से मानसून और बेमौसम बारिश के कारण होती है। इन दोनों ने वेक्टर को पनपने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान किया है। उन्होंने मच्छरों के बढ़ने में भी योगदान दिया। राज्य में अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) के आंकड़ों से पता चलता है कि शहर में इस साल डेंगू के 4,000 से अधिक मामले सामने आये है, जिसका अर्थ है कि अहमदाबाद राज्य में डेंगू के एक चौथाई मामलों के लिए जिम्मेदार है।
अब नए मामलों की संख्या में गिरावट की संभावना
स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, हम अपने अधिकार क्षेत्र में व्यापक सर्वेक्षण कर रहे हैं। इसके अलावा, हम डेंगू के मामलों का पता लगाने के लिए मौके पर तेजी से परीक्षण कर रहे हैं। हम एंटी-लार्वा गतिविधियों के माध्यम से वेक्टर प्रजनन को रोकने के लिए लगातार गतिविधियां कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गिरते तापमान के साथ नए मामलों की संख्या में गिरावट की संभावना है।
निजी अस्पतालो में डेंगू के मामलों में 73% की वृद्धि हुई
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के विशेषज्ञों के अनुसार, डेंगू का संचरण विभिन्न पारिस्थितिक कारकों द्वारा नियंत्रित होता है। यह अनियोजित विकासात्मक गतिविधियों, अनुचित जल भंडारण, प्रवासन और अनुचित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के साथ मिलकर भी डेंगू के मामलों के सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि डेंगू पहले मानसून से जुड़ा था, लेकिन अब यह एक स्व-सीमित वायरल बुखार बन गया है, जो पूरे वर्ष में प्रचलित है। पिछले साल की तुलना में, राज्य के निजी अस्पतालो में डेंगू के मामलों में 73% की वृद्धि हुई है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने कहीं ये बातें
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल का कहना है कि गुजरात बेहतर और सस्ती सेवाओं के साथ एक मेडिकल हब है। राजस्थान और मध्यप्रदेश से बहुत से मरीज सारवार के लिये गुजरात आ रहे हैं। ऐसा नहीं कि गुजरात में डेंगू के मामलों के कमी आई हो। स्वास्थ्य प्रशासन अपनी तरह से स्वास्थ्य टीमों का चयन कर के डेंगू के मामलों में मरीज को जल्द ही अस्पताल भेजने के लिये कार्य करती है, ताकि किसी मरीज की मौत न हो।
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