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गुजरात: 5 शहरों के 8 बड़े अस्पतालों में 1,163 म्यूकोर्मिकोसिस रोगी, दवा की किल्‍लत मची

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अहमदाबाद। कोरोना मरीजों में ब्‍लैक फंगस के मामले बढ़ रहे हैं। इस बीच गुजरात में इस बीमारी से निपटने की दवा सबको नहीं मिल पा रही। मामले बढ़ने से एंटीफंगल दवा की आपूर्ति कम हो रही है। इस तरह के फंगल इंफेक्‍शन के लिए 'एम्फोटेरिसिन-बी' दवा दी जाती है और इसी दवा की कम आपूर्ति अब राज्य भर के अस्पतालों के लिए चिंता का सबब बन गई है। एक इंग्लिश न्‍यूज पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के 5 शहरों के 8 प्रमुख अस्पतालों में इस समय कम से कम 1,163 मरीजों का इलाज चल रहा है।

In gujarat, 8 hospitals of 5 cities have 1,163 mucormycosis patients, Antifungal drug supply short in present

डॉक्टरों का कहना है कि, इस तरह के रोग के जहां जल्दी पता लगने से ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है, वहीं कुछ मामलों में इलाज के लिए बहुत कम वक्‍त बचता है या किसी मामले में कोई मौका भी नहीं मिलता।

म्यूकोर्मिकोसिस या ब्‍लैक फंगस के मामलों पर दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर बीते सोमवार को, गुजरात उच्च न्यायालय ने सुनवाई की थी। तब उच्च न्यायालय ने म्यूकोर्मिकोसिस के मामलों को "एक बहुत ही गंभीर मुद्दा" बताया था। और राज्य सरकार से उसके वकील के माध्यम से विवरण मांगा था। एडवोकेट जनरल (एजी) कमल त्रिवेदी ने बताया था कि, सरकार इस समस्‍या से निपटने के लिए क्‍या कर रही है। साथ ही एंटीफंगल दवा का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने की क्‍या योजना बनाई गई है।

एडवोकेट जनरल त्रिवेदी ने जस्टिस बेला त्रिवेदी और भार्गव करिया की खंडपीठ के समक्ष कहा कि राज्य सरकार ने लिपोसोमल और लियोफिलाइज्ड दोनों रूपों में एम्फोटेरिसिन बी की 1,24,430 शीशियों के लिए आदेश दिया है, जिनमें से 26,000 लिपोसोमल किस्म की हैं, जिनकी कीमत लियोफिलाइज्ड की तुलना में लगभग 2,000 रुपये अधिक है।'' एडवोकेट जनरल ने यह भी कहा कि, सरकार लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत भी वहन करेगी।

एडवोकेट जनरल त्रिवेदी ने यह भी कहा, "अभी तक, हमारे (राज्य सरकार के) पास पर्याप्त स्टॉक है ... इंजेक्शन आसानी से उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि इसे बनाने वाले संख्या में कम हैं ... रेमेडिसविर के साथ जो कुछ भी हुआ था, वह एम्फोटेरिसिन-बी के साथ हो सकता है लेकिन राज्य सरकार व्‍यवस्‍था करने की कोशिश कर रही है।'

वहीं, सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अमित पांचाल ने सरकार को म्यूकोर्मिकोसिस को 'अधिसूचित बीमारी' घोषित करने का सुझाव दिया, जैसा कि हरियाणा राज्य में किया गया है। गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा है कि राज्य सरकार 26 मई को होने वाली अगली सुनवाई से पहले एक हलफनामा दायर करे, जिसमें एंटीफंगल दवा के वितरण पर एक रोडमैप का विवरण दिया हो।

राजकोट में पीडीयू अस्पताल के डॉ आरएस त्रिवेदी, जो म्यूकोर्मिकोसिस से निपटने को तैयार की गई नेशनल टीम के सदस्य भी हैं, ने कहा कि नेशनल टीम ने म्यूकोर्मिकोसिस पर राज्य सरकार को अभी यह सुझाव नहीं दिया है कि फंगल इंफेक्‍शन को एक 'अधिसूचित बीमारी' घोषित किया जाए। डॉ त्रिवेदी कहते हैं, "यह सामुदायिक चिकित्सा विशेषज्ञों के दायरे में है, जो इस तरह की बीमारी का अध्ययन करते हैं और (राज्य सरकार को) सिफारिशें करते हैं।"

वडोदरा में गुजरात मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी (GMERS) द्वारा संचालित गोत्री मेडिकल कॉलेज अस्पताल की अधीक्षक डॉ विशाला पंड्या ने कहा, "हमें गुजरात मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (GMSCL) से एम्फोटेरिसिन बी मिल रहा है। यह बैचों में उपलब्ध है, लेकिन अगर आने वाले दिनों में संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़ती है, तो परेशानी बढ़ जाएगी। क्‍योंकि, जो दवा लियोफिलाइज्ड पाउडर के रूप में आसानी से उपलब्ध है, वो कोमोरबिडिटी वाले रोगियों के लिए अनुशंसित नहीं है। एक मरीज को लंबे समय तक इलाज के लिए करीब 120 इंजेक्शन की जरूरत होती है...।"

In gujarat, 8 hospitals of 5 cities have 1,163 mucormycosis patients, Antifungal drug supply short in present

जिलों के आधार पर ब्‍लैक फंगस के मामलों पर बात की जाए तो राजकोट सिविल अस्पताल में वर्तमान में 400 म्यूकोर्मिकोसिस रोगी हैं। एक डॉक्‍टर ने कहा कि, "उनमें से ज्यादातर को सर्जरी की आवश्यकता होगी, लेकिन कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिनकी सर्जरी निजी अस्पताल में हुई है और वर्तमान में एम्फोटेरिसिन-बी पाने के लिए यहां भर्ती हैं।"

सिविल के वरिष्‍ठ डॉक्‍टर ने कहा कि, राजकोट में ओपीडी के साथ-साथ आईपीडी (नई एंट्री) के तौर पर पिछले दो दिनों में म्यूकोर्मिकोसिस के रोगियों की संख्या में 50-60 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। यह संभव है कि तौकते चक्रवात ने लोगों को अस्पताल पहुंचने से हतोत्साहित किया हो, लेकिन हम इसे एक उत्साहजनक संकेत के रूप में देखते हैं। म्यूकोर्मिकोसिस के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने में कम से कम चार से आठ सप्ताह का समय लगता है और इस प्रकार हमने अभी तक किसी भी मरीज को छुट्टी नहीं दी है।

वहीं, जामनगर के जीजी अस्पताल में पिछले सप्ताह 40 रोगियों को इस बीमारी से जूझते पाया गया। अहमदाबाद में, अधिकारियों का कहना है कि लगभग 10 दिनों में लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन के लिए 100 से अधिक इन्‍कवायरी रिसीव हुईं। लोग पूछ रहे थे कि कहीं उन्‍हें तो इंफेक्‍शन नहीं हो गया। असरवा के मेडिसिटी परिसर में रविवार को तीन नए वार्ड जोड़े गए। डॉक्टरों ने कहा कि अकेले मेडिसिटी कैंपस में ही म्यूकोर्मिकोसिस के 400 से ज्यादा मरीज हैं।

गुजरात कोविड सपोर्ट से जुडे मधिश पारिख ने कहा, "हमें पिछले एक सप्ताह में एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन के लिए 50 से अधिक अनुरोध मिले। अब मरीजों ने एम्फोटेरिसिन बी के विकल्प के तौर पर पॉसकोनाजोल की मांग की है या टैबलेट लेना भी शुरू कर दिया है।"

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वडोदरा में, एसएसजी अस्पताल और जीएमईआरएस गोत्री... दो सरकारी कोविड फैसेलिटी सेंटर हैं, जो राज्य के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों से आने वाले म्यूकोर्मिकोसिस मरीजों को भी देख रहे हैं। एसएसजी में 112 मरीज हैं, वहीं जीएमईआरएस गोत्री में म्यूकोर्मिकोसिस के 30 मामले हैं। एसएसजी अस्पताल, जो एक दिन में 12 मरीज एडमिट करता है, में म्यूकोर्मिकोसिस से एक व्‍यक्ति की मौत और एक व्‍यक्ति के डिस्चार्ज का मामला दर्ज किया गया है। जीएमईआरएस के डॉ पंड्या ने कहा, "हमारे पास ऐसे रोगियों के मामले आए हैं जिन्होंने कोरोना के इलाज के दौरान म्यूकोर्मिकोसिस हुआ... ऐसे मामलों में, फंगल इंफेक्‍शन का इलाज करना मुश्किल होता है। उन्‍हें अभी पूरी तरह से ठीक होना बाकी है।"

वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) से जुड़े चिकित्सा अधिकारी, डॉ. देवेश पटेल ने कहा, "हमने जिले के आंकड़ों को केंद्रीकृत करने की कोशिश की है, लेकिन चक्रवात ने प्रक्रिया में बाधा डाली है।

हरियाणा में घर-घर जाकर कोरोना जांच कर रहीं 5 हजार टीमें, अब तक 3 लाख परिवारों की स्क्रीनिंग हो चुकी​हरियाणा में घर-घर जाकर कोरोना जांच कर रहीं 5 हजार टीमें, अब तक 3 लाख परिवारों की स्क्रीनिंग हो चुकी​

इसी प्रकार, सूरत में न्यू सिविल अस्पताल (64 मरीज), एसएमआईएमईआर अस्पताल (30 मरीज) और किरण अस्पताल (50 मरीज) समेत म्यूकोर्मिकोसिस के 144 मामले दर्ज हुए हैं। एक व्‍यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है और एक संदिग्ध मौत भी दर्ज की गई है।

किरण अस्पताल के ईएनटी सर्जन डॉ भाविन पटेल ने कहा, "20 दिन पहले म्यूकोर्मिकोसिस के एक पुरुष मरीज की मौत हो गई थी। ऐसा नहीं है कि यहां सिर्फ सूरत के मरीज भर्ती हैं। बल्कि हमारे पास गुजरात के विभिन्न हिस्सों और पड़ोसी राज्यों जैसे मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के भी 75 मरीजों की सूची लंबित है।

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English summary
In gujarat, eight key hospitals of five cities have 1,163 mucormycosis patients, Antifungal drug supply short in present
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