गुजरात: अनुशासनहीनता के आरोप में विधायक जिग्नेश मेवानी सदन से किए गए निलंबित
गांधीनगर। गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी को अनुशासनहीनता के लिए शुक्रवार को गुजरात विधानसभा से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। उनके खिलाफ ये कार्यवाही इसलिए की गई क्योंकि, उन्होंने एक दलित व्यक्ति की हत्या का मुद्दा विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बगैर उठाया था। जिसके चलते गुजरात विधानसभा के स्पीकर ने उन्हें पूरे दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया।

विधानसभा में जैसे ही प्रश्नकाल समाप्त हुआ, वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवानी ने अचानक ही एक पोस्टर लहराया, जिसपर एक दलित व्यक्ति की तस्वीर थी। वे लगातार दूसरे दिन भावनगर जिले में एक दलित सामाजिक कार्यकर्ता की हत्या के मामले को विधानसभा में उठाना चाहते थे। इस व्यक्ति की दो मार्च को पुलिसकर्मियों की कथित मौजूदगी में भीड़ ने हत्या कर दी थी। पोस्टर पर लिखा था कि आप दोषियों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रहे हैं?
मेवानी का यह भी आरोप था कि सरकार से संबंधित कुछ नेता आरोपित पुलिसकर्मी को बचा रहे हैं। सदन में मेवानी का माइक जब बंद कर दिया गया, तब उन्होंने जोर-जोर से बोलना शुरू कर दिया और पूछा कि राज्य की भाजपा सरकार ने अभी तक पीएसआई को गिरफ्तार क्यों नहीं किया है। उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा पीएसआई से संबद्ध हैं। इसपर, स्पीकर ने मेवानी से अनुशानहीनता नहीं बरतने और बैठ जाने को कहा।
त्रिवेदी ने विधायक से कहा कि यदि वह कोई मुद्दा उठाना चाहते हैं तो पहले उनहें अनुमति लेनी चाहिए। बार-बार आग्रह करने के बाद भी मेवानी जब नहीं बैठे, तब त्रिवेदी ने सारजेंट से विधायक को सदन से बाहर करने को कहा। त्रिवेदी ने अनुशासनहीनता को लेकर मेवानी को दिन भर के लिए सदन से निलंबित भी कर दिया।
टीएमसी के आरोपों को चुनाव आयोग ने किया खारिज, कहा- राज्य पुलिस को लेकर नहीं जारी किया कोई आदेश