मंदी में चली गई नौकरी तो घर में यू-ट्यूब देखकर छापने लगे नकली नोट
गुजरात। मंदी की मार से हर कोई परेशान है। इस समस्या से उबरने के लिए लोग तरकीबें निकाल रहे हैं तो वहीं कुछ लोग गैरकानूनी काम कर के मंदी की मार से उबरना चाह रहे हैं। ऐसे ही पांच लोगों को गुजरात में पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जो यू-ट्यूब देखकर नकली नोट छाप रहे थे। पुलिस ने पांच हीरा कारीगरों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि पकड़े गए पांचों लोग पिछले चार महीने से चार लाख रुपये की जाली नोट छापकर उसे बाजार में चला रहे थे।
घर में छाप रहे थे नकली नोट
इस रैकेट का खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने इनके दो शागिर्दों को वड़ोदरा से गिरफ्तार किया। सूरत पुलिस क्राइम ब्रांच ने बताया कि वड़ोदरा में दो दिन 87 हजार रुपये 500 दर की नकली नोट के साथ अभिषेक विवेकभाई सुर्वे और सुमित मुरलीधर नाम्बीयार को गिरफ्तार किया था। इन दोनों से पूछताछ में जानकारी मिली कि सूरत के एके रोड पर स्थित रुपम सोसायटी में रह रहे आशीष भाटिया से यह नोट लिए थे।
बेरोजगारी के कारण शुरू किया गैरकानूनी काम
छापे के दौरान आीष धनजीभाई सुराणा, संजय विनोदभाई परमार, कुलदीप किशोरभाई रावल, अभिषेक उर्फ ढींगो जयराम भाई मांगुकीया और विशाल बल्लभाभाई सुराणी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस को आरोपियों के मकान से दो कलर प्रिंटर, कोरा कागज और 22,300 रुपये नकली नोट मिले। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे सभी हीरा के कारीगर हैं। हीरा उद्योग में चल रहे मंदी की वजह से कंपनी ने उन्हें निकाल दिया था और वो बेरोजगार हो गए थे।
चार महीने में छापे चार लाख रुपये
इसके अलावा उन्होंने बताया कि घर का गुजारा करने के लिए कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। इसलिए चार माह पूर्व यू-ट्यूब पर नकली नोट बनाने का वीडियो देखा और इसके बाद इन सभी ने कलर प्रिंटर से नकली नोट छापना शुरू कर दिया। आरोपियों ने अपने जुर्म को कबूल करते हुए बताया कि उन्होंने पिछले चार महीने में कुल चार लाख रुपये छापे और बाजार में चला भी दिए।