COVID-19: गुजरात सरकार की सफाई- आंकड़ों में नहीं हुआ हेरफेर, 61 हजार मौत की खबर गलत
अहमदाबाद, 15 मई: गुजरात में कोरोना से मौत के आंकड़ों को लेकर विवाद जारी है। दो दिन पहले एक गुजराती अखबार ने दावा किया था कि राज्य में 1 मार्च से 10 मई के बीच कोरोना से मौत का आंकड़ा कम है, लेकिन इस अवधि में बड़ी संख्या में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुए। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने आंकड़ों की जांच की मांग की थी। जिस पर अब सरकार की ओर से सफाई दी गई है।
दिव्य भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक 1 मार्च से 10 मई तक 123871 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 58000 प्रमाण पत्र जारी हुए थे। ये रिपोर्ट 33 जिलों और 8 प्रमुख शहरों में नगर पालिका अधिकारियों से ली गई जानकारी पर आधारित थी। वहीं विभिन्न सरकारी दफ्तरों से मिली जानकारी में 33 जिलों में कोरोना से मरने वालों की संख्या 4218 बताई गई।
मामले में राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि वे दिव्य भास्कर की रिपोर्ट की जांच कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि कोविड-19 से हुई मौतों का नहीं छिपाया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक राज्य में ICMR के दिशानिर्देशों के मुताबिक ही मृत्यु का आंकड़ा दर्ज किया जा रहा है। विशेषज्ञों की एक समिति होती है, जो मृत्यु के प्राथमिक और दूसरे कारणों का पता लगाती है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई कोरोना का मरीज है और उसे दिल का दौरा पड़ा तो उसकी मौत कोरोना से नहीं मानी जाएगी। पूरे देश में यही प्रोटोकॉल है। मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की संख्या को कोरोना से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, 61 हजार मौतों वाली रिपोर्ट गलत है।
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वहीं गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने कहा कि मार्च और अप्रैल 2020 में महानगर पालिका की ओर से 61505 से अधिक मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए, जबकि अखबार ने उसकी संख्या 44943 बताई है। ऐसे में ये खबर बेबुनियाद है। साथ ही उसका मकसद सनसनी फैलाना है।