Gujarat Elections 2022: आखिर क्यों गुजरात चुनाव की तारीखों नहीं हुआ ऐलान, मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताई वजह
Gujarat Elections 2022: चुनाव आयोग ने आज हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान होंगे जबकि 8 दिसंबर को मतों की गणना होगी। हालांकि लोगों को उम्मीद थी कि गुजरात में भी विधानसभा चुनावों की तारीख का चुनाव आयोग ऐलान कर सकता है। लेकिन चुनाव आयोग ने गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया। गौर करने वाली बात है कि परंपरा के अनुसार दोनों ही राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान पूर्व में एक साथ ही किया जाता रहा है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल खड़े हो रहे हैं कि चुनाव आयोग ने गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान क्यों नहीं किया।
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नियमों
का
दिया
हवाला
वहीं
इस
सवाल
के
जवाब
में
मुख्य
चुनाव
आयुक्त
राजीव
कुमार
ने
किसी
भी
तरह
के
नियमों
के
उल्लंघन
नहीं
होने
की
बात
कही
है।
चुनाव
आयोग
ने
कहा
कि
गुजरात
और
हिमाचल
प्रदेश
की
विधानसभा
के
कार्यकाल
खत्म
होने
में
40
दिनों
का
अंतर
है।
नियमों
के
अनुसार
दो
राज्यों
की
विधानसभा
के
कार्यकाल
के
बीच
अगर
30
दिन
का
अंतर
होना
चाहिए
ताकि
चुनाव
के
नतीजों
का
असर
दूसरे
राज्य
पर
ना
पड़े।
गुजरात
विधानसभा
का
कार्यकाल
18
फरवरी
को
खत्म
हो
रहा
है
जबकि
हिमाचल
प्रदेश
का
कार्यकाल
8
जनवरी
को
खत्म
हो
रहा
है।
दोनों
ही
राज्यों
में
भारतीय
जनता
पार्टी
की
सरकार
है।
मौसम
को
बताया
वजह
मुख्य
चुनाव
आयुक्त
ने
कहा
कि
गुजरात
चुनाव
की
तारीखों
का
ऐलान
नहीं
करने
के
पीछे
कई
वजह
हैं,
जिसमे
मौसम
भी
एक
वजह
है।
हम
हिमाचल
प्रदेश
में
चुनाव
बर्फबारी
से
पहले
खत्म
कर
लेना
चाहते
हैं।
हमने
इस
बाबत
कई
पक्षों
से
मशविरा
लिया
है।
हिमाचल
प्रदेश
में
आदर्श
आचार
संहिता
कम
दिनों
के
लिए
लगेगी,
यहां
70
दिन
की
बजाए
57
दिनों
के
लिए
आदर्श
आचार
संहिता
लगेगी।
हालांकि
कई
आलोचकों
का
तर्क
है
कि
चुनाव
की
तारीख
और
नतीजों
की
तारीख
में
लंबा
अंतर
है।
चुनाव
12
अक्टूबर
को
होगा
जबकि
नतीजे
8
दिसंबर
को
घोषित
होंगे।
2017
में
एक
साथ
हुई
थी
मतगणना
बता
दें
कि
इससे
पहले
2017
में
में
हिमाचल
प्रदेश
में
मतदान
9
नवंबर
को
हुए
थे,
जबकि
गुजरात
में
दो
चरण
में
मतदान
9
दिसंबर
और
14
दिसंबर
को
हुए
थे।
लेकिन
दोनों
राज्यों
के
नतीजे
18
दिसंबर
को
ही
घोषित
किए
गए
थे।
कांग्रेस
ने
आरोप
लगाया
है
कि
भाजपा
अपनी
स्कीमों
को
लॉन्च
करने
के
लिए
और
समय
चाहती
है।
इसीलिए
आदर्श
आचार
संहिता
को
लागू
नहीं
किया
गया
और
चुनाव
की
तारीखों
को
टाला
गया।
गौर
करने
वाली
बात
है
कि
गुजरात
में
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
सामने
आम
आदमी
पार्टी
की
मुश्किल
चुनौती
है।
पंजाब
में
बंपर
जीत
के
बाद
उत्साहित
आम
आदमी
पार्टी
गुजरात
में
सरकार
बनाने
का
दावा
कर
रही
है।
आप
की
सीधी
चुनौती
अरविंद
केजरीवाल
दावा
कर
चुके
हैं
कि
उनकी
पार्टी
गुजरात
में
भारतीय
जनता
पार्टी
की
मुख्य
विरोधी
पार्टी
के
तौर
पर
उभरेगी,
क्योंकि
यहां
पर
कांग्रेस
काफी
कमजोर
हो
चुकी
है।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी,
गृहमंत्री
अमित
शाह
और
भाजपा
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
जेपी
नड्डा
लगातार
गुजरात
का
दौरा
कर
रहे
हैं
और
पार्टी
के
लिए
चुनाव
प्रचार
कर
रहे
हैं।
कांग्रेस
नेता
जयराम
रमेश
ने
आरोप
लगाया
कि
चुनाव
आयोग
ने
तारीखों
का
ऐलान
इसलिए
नहीं
किया
ताकि
प्रधानमंत्री
और
योजना
का
ऐलान
कर
सके,
बड़े-बड़े
वादे
कर
सके।
यह
चौंकाने
वाली
बात
कतई
नहीं
है।