कोरोना: सरकार ने किया गुजरात राज्यसभा चुनाव टालने का अनुरोध, बजट सत्र पर भी फैसला आज
अहमदाबाद. कोरोना वायरस से मचे कोहराम के चलते राज्य सरकार ने निर्वाचन आयोग से राज्यसभा चुनाव को स्थिगित करने का अनुरोध किया है। गुजरात में 26 मार्च को राज्यसभा की चार सीटों पर चुनाव होना तय था, लेकिन अब यह तारीख खिसक सकती है। उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने इस बारे में जानकारी दी। पटेल ने कहा कि, सरकार ने कोरोना के खतरे को देखते हुए आयोग को अनुरोध किया है कि, 26 मार्च को होने वाला राज्यसभा चुनाव अभी स्थगित कर दिया जाए। अत: राज्यसभा चुनाव पर निर्णय अब निर्वाचन आयोग को ही लेना है।"
गुजरात राज्यसभा चुनाव को स्थिगित करने की मांग
राज्य
विधानसभा
में
जारी
बजट
सत्र
पर
भी
उप
मुख्यमंत्री
ने
बयान
दिया।
उन्होंने
कहा,
"महामारी
को
देखते
हुए
विधानसभा
के
वर्तमान
बजट
सत्र
को
जारी
रखने
पर
सरकार
सोमवार
को
निर्णय
लेगी।
बजट
सत्र
31
मार्च
को
समाप्त
होने
वाला
है।
राज्य
में
अब
तक
कोरोना
वायरस
के
18
मामले
सामने
आ
चुके
हैं
और
एक
व्यक्ति
की
मौत
हो
चुकी
है।
वहीं,
सरकार
द्वारा
राज्यसभा
चुनाव
को
स्थिगित
किए
जाने
की
मांग
पर
कांग्रेस
ने
हमला
बोला।
कांग्रेस
की
ओर
से
आरोप
लगाया
गया
कि,
रूपाणी
सरकार
विधायकों
की
खरीद-फरोख्त
के
लिए
समय
चाहती
है।
गुजरात
कांग्रेस
अध्यक्ष
अमित
चावड़ा
ने
कहा,
"राज्यसभा
चुनाव
में
भाजपा
को
अपनी
हार
का
अंदाजा
हो
गया
है।
वह
कोरोना
वायरस
के
नाम
पर
चुनाव
स्थगित
करवाना
चाहती
है।
उसका
मुख्य
उद्देश्य
हमारे
विधायकों
की
खरीद-फरोख्त
करना
है।"
इन दो बड़े दलों के 5 प्रत्याशी हैं मैदान में
चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार, गुजरात में 26 मार्च को राज्यसभा की चार सीटों पर चुनाव होने थे। जिसके लिए अब पांच प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं। इनमें 3 भाजपा के, जबकि अन्य दो कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए जिन प्रत्याशियों का ऐलान किया है, उनमें अभय भारद्वाज, रमीलाबेन बारा और नरहरि अमीन शामिल हैं। पार्टी ने नामांकन के अंतिम दिन पूर्व कांग्रेसी एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री नरहरि अमीन को मैदान में उतारा था। जिससे चुनावी मुकाबला रोचक हो गया। नरहरी अमीन को अंतिम घड़ी में तीसरे उम्मीदवार के रूप में तैयार किए जाने से कांग्रेस में खलबली मची हुई है। ऐसे में विधानसभा के आंकड़ों को देखते हुए भाजपा को सभी तीन सीटों पर जीत की संभावना है। वहीं, कांग्रेस को सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ सकता है।
कांग्रेस के पास 68 तो सत्ताधारी भाजपा के पास 103 विधायक
जानकारों के मुताबिक, 182 सदस्यों की विधानसभा में 2 सीटें पहले से रिक्त थीं। वहीं 5 अन्य सीटें कांंग्रेस के विधायकों के इस्तीफा देने के कारण रिक्त हो गई हैं। इस तरह फिलहाल विधायकों की कुल संख्या 175 है। जिसमें कांग्रेस के पास 68 तो सताधारी भाजपा के पास 103 विधायक हैं। भारतीय ट्रायबल पार्टी के दो और नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का एक और एक निर्दलीय विधायक है। ऐसे में भाजपा का पलड़ा भारी है।
इसलिए भाजपा कांग्रेस पर पड़ेगी भारी
इधर, कांग्रेस की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल और पूर्व केन्द्रीय मंत्री भरत सिंह सोलंकी के रूप में दोनों प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हैं। लेकिन पांच विधायकों के इस्तीफा देने के बाद पार्टी में अन्य विधायकों के भी भाजपा में चले जाने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है। भाजपा ने कांग्रेस के और कुछ विधायक उनके संपर्क में होने का दावा भी किया है। ऐसे में कांग्रेस को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ सकता है।
मतदान के लिए अभी विधानसभा में दलों की स्थिति
कुल
सीट:
182
कुल
विधायक:
180
रिक्त:
2
सीट
भाजपा-103
कांग्रेस-73
बीटीपी-2
एनसीपी-1
निर्दलीय-1
गुजरात: कोरोना के 18 मरीजों की पहचान उजागर करेगी सरकार, ताकि उनके सपंर्क में आए लोगों को पता चले