कोरोना के डर से अस्थियां भी लेने को तैयार नहीं मृतकों के परिजन, गुजरात के श्मशानों में पड़ी हैं 900 लोगों की अस्थियां
अहमदाबाद। शुरूआत में सरकारी चेतावनियों को नजरअंदाज कर रहे आमजनों में अब कोरोना महामारी का खौफ यहां साफ देखा जा सकता है। अब लोगों में कोरोना का डर इस कदर बैठ गया है कि, मृतकों की अस्थियां तक उठाने को तैयार नहीं हैं। इसके अलावा लाशें भी कोरोना वॉरियर्स ही ठिकाने लगा रहे थे। कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार करने के लिए कई जगह श्मशानों पर मुस्लिम ड्यूटी दे रहे हैं। गुजरात में अब कोरोना से मरने वाले लोगों की बात की जाए तो करीब 900 लोगों की अस्थियां श्मशान गृहों में पड़ी हैं। कहीं-कहीं तो अस्थियों का ढेर लगा हुआ है।
संवाददाता ने बताया कि, अहमदाबाद में 450 और भरूच में 200 मृतकों के अंतिम संस्कार में कोई नहीं आया। अस्पताल स्टाफ ने ही उन लोगों का दाह संस्कार किया। वहीं, अंतिम संस्कार के बाद नवसारी में 222, अंकलेश्वर में 210, जामनगर में 160 मृतकों की अस्थियां लेने कोई नहीं आया। सुरेंद्रनगर के श्मशान गृह में भी अस्थियों का ढेर लगा हुआ है और मृतकों की अस्थियां लेने कोई नहीं आया। कोरोना के डर से ही अब अस्थियां कई जगह डंपिंग ग्राउंड में ही फेंकी जा रही हैं।
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जामनगर में श्मशान समिति के सदस्य दर्शन ठक्कर ने बताया कि, जामनगर के श्मशान गृह में 387 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। इनमें से 80 फीसदी के ज्यादा मृतकों के परिवार तो अंतिम संस्कार तक में नहीं आए। इसी तरह अहमदाबाद में अभी तक 1812 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जिनमें 450 मृतकों के परिजन अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे। हालांकि, इस बारे में डॉक्टर पहले ही कह चुके हैं कि शव के अग्निदाह के बाद कोरोना के अंश पूरी तरह समाप्त हो जाते हैं। ऐसे में अस्थियां और राख से कोई परेशानी नहीं। लेकिन, इसके बावजूद लोग अपने परिजन की अस्थियां तक लेने नहीं आ रहे हैं।
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गुजरात के भरूच जिले की बात करें, तो वहां 292 में से 200 मृतकों के अंतिम संस्कार में कोई नहीं आया। उनकी अंतिम विधि अस्पताल और श्मशान के कर्मचारियों द्वारा की गईं। इसके अलावा इनमें से 210 लोगों की अस्थियां लेने अब तक कोई नहीं आया। भरूच में कोरोना मृतकों के लिए नर्मदा नदी किनारे ही श्मशान गृह बनाया गया था। इसलिए मृतकों की अस्थियां नर्मदा में ही विसर्जित कर दी गईं।