लव जिहाद-जबरन धर्मांतरण रोधी कानून गुजरात में 15 जून से होगा लागू, ऐसे हैं प्रावधान
अहमदाबाद। लव जेहाद एवं जबरन धर्मांतरण जैसे मामलों पर नियंत्रण हेतु गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम-2021 इसी माह लागू हो जाएगा। राज्य सरकार की ओर से इस बारे में निर्णय ले लिया गया है। संशोधित कानून गुजरात में 15 जून से अमल में लाया जाएगा। जिसके अनुसार, अब गुजरात में केवल धर्म-परिवर्तन के उद्देश्य से की गई शादी या शादी के उद्देश्य से किए गए धर्म-परिवर्तन वाले विवाह को फेमिली कोर्ट एवं क्षेत्र की अदालत की ओर से रद्द कर दिया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि, राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से लेकर मंत्री जाडेजा समेत भाजपा के नेता लंबे समय से इस तरह के कानून की वकालत करते रहे हैं। यही वजह है कि इस साल विधानसभा में "गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम-2021" पारित किया गया। इस कानून में कुछ ऐसे कठोर प्रावधान हैं, जिनकी वजह से दोषी साबित किए गए व्यक्ति को कड़ी सजा दी जा सकेगी। मसलन, कोई भी व्यक्ति सीधे, जबरन, छल-कपट से या डरा धमकाकर विवाह करने के लिए धर्म परिवर्तन नहीं करा सकेगा। ऐसे मामलों में आरोपियों को ही खुद के निर्दोष होने का प्रमाण देना होगा। उसे अदालत में साबित करना होगा।
इतना ही नहीं, नए कानून के तहत अब जबरन धर्म-परिवर्तन कराने वाले एवं उसमें मददरूप होने वाले सभी लोग भी एक समान दोषी माने जाएंगे। ऐसे मामलों में 3 से लेकर 5 साल तक की कैद और 2 लाख रुपए तक का जुर्माना होगा। नाबालिग, एससी, एसटी व्यक्ति के संबंध में सजा 4 से 7 साल तक कैद और 3 लाख का जुर्माना होगा।
सरकार का कहना है कि, कोई भी नाराज व्यक्ति, जिसका धर्म-परिवर्तन कराया गया हो, उसके माता-पिता, व उससे जुड़े रिश्तेदार, विवाह एवं दत्तक की प्रक्रिया से जुड़े व्यक्ति ऐसे नियम विरुद्ध कराए गए धर्म परिवर्तन के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा सकेंगे। मामला गैर जमानती और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में दर्ज होगा।
खास बात यह भी है कि, ऐसे मामलों की जांच पुलिस उपाधीक्षक स्तर या उससे ऊपर के अधिकारी ही करेंगे। इसके अलावा नियम विरुद्ध धर्म-परिवर्तन कराने वाली संस्थाओं की मान्यता भी रद्द कर दी जाएगी। संस्था के जवाबदेह व्यक्ति को 3 से लेकर 10 साल तक कैद भुगतनी होगी और 5 लाख तक का जुर्माना भरना होगा।