Ahmed Murtaza Abbasi : रसूखदार परिवार का बेटा ऐसे बना आतंकी और पहुंच गया फांसी के फंदे तक
जिस आतंकी अहमद मुर्तजा अब्बासी को फांसी की सजा सुनाई गयी है,वह गोरखपुर का रहने वाला है। यह परिवार जनपद का प्रतिष्ठित परिवार माना जाता है।
Ahmed Murtaza Abbasi Gorakhpur : एनआईए और एटीएस कोर्ट ने सोमवार को लखनऊ में गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवानों पर बांके से हमला कर उन्हें घायल करने वाले मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई है। मुर्तजा ने पिछले साल अप्रैल माह में इस घटना को अंजाम दिया था। मुर्तजा मूलरुप से गोरखपुर का ही रहने वाला है और वह एक रसूखदार परिवार का इकलौता बेटा है। उसे किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी। उसके बाद भी उसने इस रास्ते को क्यों चुना? मुर्तजा की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी अच्छी है।
गोरखपुर
के
जिला
जज
थे
मुर्तजा
के
बाबा
जिस
मुर्तजा
को
आज
देशद्रोही
करार
देते
हुए
फांसी
की
सजा
सुनाई
गयाी
है,
उसकी
पारिवारिक
पृष्ठभूमि
बेहद
अच्छी
है।
जिले
के
सम्मानित
लोगों
में
यह
परिवार
शामिल
है।
मुर्तजा
का
परिवार
गोरखपुर
के
सिविल
लाइन्स
में
रहता
है।
मुर्तजा
के
बाबा
गोरखपुर
के
जिला
जज
रह
चुकेे
हैं।
जबकि
पिता
कई
बैंकों
और
मल्टीनेशनल
कंपनियों
के
लीगल
एडवाइजर
हैं
व
चाचा
डॉक्टर
के
ए
अब्बासी
जिले
के
प्रसिद्ध
डॉक्टर
हैं।
जिनका
अब्बासी
नर्सिंग
होम
भी
है।
आईआईटी
मुंबई
से
की
है
इंजीनियरिंग
की
पढ़ाई
मुर्तजा
बचपन
से
ही
पढ़ने
में
बहुत
मेधावी
था।
उसने
देश
के
सर्वश्रेष्ठ
संस्थान
आईआईटी
मुबंई
से
इंजीनियरिंग
की
है।
उसने
प्रारंभिक
शिक्षा
के
बाद
मुबंई
में
रहना
शुरु
कर
दिया
था।
हनी
ट्रैप
के
जरिए
आया
ISIS
के
संपर्क
में
एटीएस
और
एनआइए
को
उसके
लैपटॉप
से
मिले
अहम
सबूतों
के
माध्यम
से
पता
चला
था
कि
मुर्तजा
के
ISIS
कनेक्शन
के
पीछे
हनी
ट्रैप
मामला
था।
जानकारी
के
मुताबिक
ISIS
कैंप
की
एक
लड़की
ने
मुर्तजा
से
नजदीकियां
बढ़ाई।
अपनी
फोटो
भेजी
और
भारत
में
मिलने
का
वादा
भी
किया।
मुर्तजा
उसे
पैसे
भी
भेजता
था।
दोनों
की
बात
ई-मेल
के
जरिए
होती
थी।
इसी
दौरान
उसकी
बातचीत
ISIS
कैंप
के
लोगों
से
होने
लगी।
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एक
नजर
पूरे
घटनाक्रम
पर
मुर्तजा
अहमद
के
गोरखपुर
स्थित
घर
पर
दो
अप्रैल
को
एटीएस
टीम
के
कुछ
सदस्य
पहुंचे
थे।
इससे
पूर्व
31
मार्च
को
खुफिया
एजेंसियों
ने
16
संदिग्धों
की
लिस्ट
जारी
की
थी,जिसमें
मुर्तजा
का
नाम
भी
था।
दो
अप्रैल
के
बाद
वह
नेपाल
भाग
गया।
तीन
अप्रैल
2022
को
मुर्तजा
ने
नेपाल
से
लौटते
समय
सीधे
गोरखनाथ
मंदिर
पहुंचा
और
गोरखनाथ
मंदिर
की
सुरक्षा
में
तैनात
जवानों
पर
बांके
से
हमला
कर
दिया।
चार
अप्रैल
को
पुलिस
ने
उस
पर
दो
केस
दर्ज
किया
और
कोर्ट
में
पेश
किया।
जहां
से
फिर
कस्टडी
रिमांड
मिल
गयी।
11
अप्रैल
को
दोबारा
रिमांड
पर
रखने
के
लिए
अर्जी
देकर
अपील
की
गयी।
16
अप्रैल
को
मुर्तजा
को
आतंकी
घोषित
करते
हुए
दोबारा
जेल
भेज
दिया
गया
था।