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Gorakhpur : एक बेटी पायलेट तो दूसरी बनना चाहती थी सांइटिस्ट, पिता के साथ लगाया मौत को गले, रुला देगी ये कहानी

गोरखपुर के शाहपुर क्षेत्र के घोसीपुरवा में पिछले कुछ दिन पूर्व पिता व दो बेटियों ने फंदे से लटकर आत्महत्या कर ली थी। आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस परिवार ने मौत को गले लगा लिया।

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Gorakhpur News: गोरखपुर के शाहपुर क्षेत्र के घोसीपुरवा में पिछले कुछ दिन पूर्व पिता व दो बेटियों ने फंदे से लटकर आत्महत्या कर ली थी। आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस परिवार ने मौत को गले लगा लिया। इस मौत के साथ ही जीवन का सुनहर सपना संजोए दो बहनों की ख्वाहिशें भी दफन हो गयीं। आत्महत्या करने वाली मान्या व मानवी के भी सपने थे। मान्या वैज्ञानिक तो मानवी पायलट बनना चाहती थी।

suicide

बाल दिवस के दिन बेहद खुश थी मान्या व मानवी
बाल दिवस के दिन आम बच्चों की तरह स्कूल के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाली मान्या व मानवी उस दिन बेहद खुश थीं। अपने साथियों के साथ बाल दिवस के कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही थीं। साथियों व शिक्षकों को भी इस बात का जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि इतनी खुश दोनों लड़कियां आज रात ही मौत को गले लगा लेंगी।

यह था सपना
उनके साथियों व शिक्षकों के मुताबिक, मान्या व मानवी दोनों पढ़ने में बहुत अच्छी थी। उनकी सकारात्मक सोच जीवन में बहुत कुछ करने की तरफ इशारा करती थी। अन्य छात्र-छात्राओं की तरह उनके भी सपने थे। एक वैज्ञानिक तो दूसरी पायलट बनना चाहती थी।

घर की आर्थिक स्थिति सुधारना चाहती थीं दोनों बहनें
दोनों बहनों के सिर से मां का साया पहले ही उठ चुका था। पिता का ट्रेन की चपेट में आने से पैर कट गया था। सिलाई का काम कर पिता किसी तरह दोनों बेटियों की परवरिश कर रहे थे। बाबा गार्ड की नौकरी कर घर की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहयोग कर रहे थे। दोनों बेटियों को यह सारी बातें पीड़ा देती थी। वह जीवन में कुछ अच्छा कर घर की आर्थिक स्थिति सुधारना चाहती थीं। इसलिए स्कूल से आने के बाद वह अपने पढ़ाई में व्यस्त रहती थी। दोनों बहनें एक दूसरे का समय-समय पर उत्साहवर्द्धन करती रहती थी।

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मेधावी थी मान्या व मानवी
दोनों बहनें पढ़ने में अच्छी थीं। अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के उनके अंक भी अच्छे आए हुए थे। वह स्कूल के सांस्कृतिक व साहित्यिक कार्यक्रमों में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती थी। शिक्षको व सहपाठियों के साथ उनका अच्छा व्यहवार था । लेकिन उनके मन में यह सब कुछ चल रहा था,इसका किसी को अंदाजा भी नहीं लगा।

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English summary
story of two sisters who committed suicide in gorakhpur
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