Monkeypox: दक्षिण अफ्रीका से लौटे गोरखपुर के युवक में मिले मंकीपॉक्स जैसे लक्षण,मेडिकल कॉलेज में भर्ती
दक्षिण अफ्रीका से लौटे गोरखपुर के झगहा के युवक में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण मिले हैं।लक्षण के बाद युवक को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।गोरखपुर में यह पहला केस है जिसमें मंकी पाक्स के लक्षण मिले हैं।उसे तेज बुखा
गोरखपुर,13 सितंबर: दक्षिण अफ्रीका से लौटे गोरखपुर के झगहा के युवक में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण मिले हैं।लक्षण के बाद युवक को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।गोरखपुर में यह पहला केस है जिसमें मंकी पाक्स के लक्षण मिले हैं।उसे तेज बुखार है एंव उसके शरीर पर फफोले भी हैं। डॉक्टरों ने उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा है और उसकी लार व खून का नमूना केजीएमयू, लखनऊ जांच के लिए भेज दिया है।डॉक्टर पूरी सावधानी से युवक के इलाज में लगे हैं।
जानकारी के मुताबिक, झंगहा का रहने वाला यह युवक दक्षिण अफ्रीका से आने के बाद बीमार पड़ गया। उसके शरीर पर फफोले व चकत्ते पड़ने लगे। तेज बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ होने लगी। स्वजन उसे लेकर शुक्रवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे।बाद में उसमें मंकीपाक्स के लक्षण दिखाई देने पर उसे दूसरे मरीजों से अलग रख दिया गया। मेडिसिन और चर्म रोग विभाग की संयुक्त टीम उपचार कर रही है।
माइक्रोबायोलाजी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक,रोगी के बारे में चर्म रोग और मेडिसिन विभाग से सूचना मिलने के बाद तकनीशियन की टीम वार्ड में गई। रोगी के खून व लार का नमूना लिया गया है। इस मामले में शासन से स्पष्ट निर्देश है कि मंकीपाक्स की जांच सिर्फ केजीएमयू में ही होगी। पूर्वी यूपी के लिए केजीएमयू नोडल सेंटर है। नमूना जांच के लिए भेज दिया गया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि रोगी का सतर्कता के साथ उपचार चल रहा है।
Gorakhpur News: जानिए कोर्ट ने क्यों दिया दरोगा पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने का आदेश
मंकीपॉक्स
का
क्या
है
लक्षण,
इलाज
डब्ल्यूएचओ
की
मानें
तो
मंकीपॉक्स
के
लक्षण
6
से
13
दिन
में
दिखने
लगते
हैं
जिसमें
बुखार,
तेज
सिरदर्द,
पीठ
और
मांसपेशियों
में
दर्द
के
साथ
गंभीर
कमजोरी
शामिल
है।
संक्रमित
व्यक्ति
के
शरीर
पर
बड़े-बड़े
दाने
निकल
आते
हैं।
गंभीर
स्थिति
में
ये
दाने
आंखों
के
कॉर्निया
को
भी
प्रभावित
कर
सकते
हैं।
लिम्फ
नोड्स
की
सूजन
इसका
सबसे
आम
लक्षण
माना
जाता
है।
फिलहाल
इसका
कोई
सटीक
इलाज
उपलब्ध
नहीं
है।
लेकिन
चेचक
की
वैक्सीन
को
मंकीपॉक्स
के
खिलाफ
असरदार
माना
जाता
है।