Goa Election: पणजी समेत गोवा की 4 सीटों पर BJP को करना पड़ रहा बगावत का सामना
पणजी, 28 जनवरी। गोवा समेत देश के पांच राज्यों में अगल महीने यानी फरवरी से विधानसभा चुनाव शुरू हो रहे हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी राज्यों में टिकट न मिलने से नाराज कई नेता पार्टी छोड़ विरोधी दलों का दामन थाम रहे हैं। हालांकि गोवा में बीजेपी ज्यादातर क्षेत्रों में असंतोष को नियंत्रित करने में सफल रही है, लेकिन महत्वपूर्ण सीट पणजी सहित चार सीटें अभी भी पार्टी के लिए चिंता का कारण बनी हुई हैं। पणजी में, पूर्व मुख्यमंत्री और गोवा से भाजपा के अब तक के सबसे बड़े नेता दिवंगत मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर अब बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
गौरतलब है कि पणजी से टिकट न मिलने से नाराज उत्पल पर्रिकर ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। वह पणजी से ही बीजेपी के प्रत्याशी अतनासियो मोंसेरेट के खिलाफ मैदान में उतरे हैं। मोंसेरेट साल 2019 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। उत्पल पर्रिकर ने दावा किया है कि उनका दिल अभी भी भाजपा के साथ है, लेकिन वह एक 'गलत व्यक्ति' का चेहरा उजागर करने के लिए चुनाव लड़ रहे है। बता दें कि मोंसेरेट के खिलाफ अतीत में दर्ज गंभीर केस और पिता द्वारा प्रतिनिधित्व की गई सीट से टिकट न मिलने के चलते उत्पल पर्रिकर पार्टी से नाराज हैं।
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भाजपा के घोषणापत्र समिति के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने भी बीजेपी का दामन छोड़ दिया है। वह भी दयानंद सोपटे के खिलाफ निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2017 के चुनाव में दयानंद सोपटे ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। लक्ष्मीकांत पारसेकर को पिछली बार इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं उपमुख्यमंत्री चंद्रकांत कवेलर की पत्नी सावित्री कावलेकर ने भी बगावत कर दी है। वो सत्ताधारी पार्टी के पूर्व विधायक सुभाष फलदेसाई के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।
कुम्भरजुआ में, भाजपा केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक के बेटे सिद्धेश नाइक को शांत करने में कामयाब रही, जिन्होंने घोषणा की थी कि वह सत्ताधारी पार्टी द्वारा टिकट से वंचित किए जाने के बाद एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। मौजूदा विधायक पांडुरंग मडकाइकर की पत्नी और भाजपा उम्मीदवार जैनिता मडकाइकर को पूर्व सहयोगी रोहन हरमलकर से मुकाबला करना होगा।