किसका होगा जिला गाजियाबाद- राज बब्बर, शाजिया या वीके सिंह?
गाजियाबाद की रणभूमि में चार विधानसभा क्षेत्र आते हैं- गाजियाबाद, साहिबाबाद, लोनी, मुरादनगर और धौलाना। अगर संसदीय सीट की बात करें तो गाजियाबाद 2008 में अस्तित्व में आयी। इससे पहले हापुड़ संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता था। वर्तमन में दिल्ली से सटे हुए इस शहर में राजनीतिक बयार सामान्य से तीन गुनी तेजी से बह रही है।
वर्तमान में राजनाथ सिंह इस सीट पर सांसद हैं और इस बार वे लखनऊ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
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2009 के परिणाम- राजनाथ सिंह ने गाजियाबाद में 359,637 के साथ जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेंद्र प्रकाश गोयल को हराया था, जिन्हें 268,956 वोट मिले थे। बसपा के पंडित अमर पाल शर्मा को 180,285 वोट मिले थे।
इस बार गाजियाबाद में 10 अप्रैल को मतदान होगा।
कांग्रेस के शेर- राज बब्बर
अभिनेता से राजनेता बने राज बब्बर को कांग्रेस के शेरों में गिना जाता है। 61 वर्षीय राज बब्बर वर्तमान में उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद से सांसद हैं और कांग्रेस से पहले वो समाजवादी पार्टी में थे। 2009 में राज बब्बर ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था। इस बार रोडशो के साथ राज बब्बर का चुनाव प्रचार गाजियाबाद में शुरू हो चुका है।
राज बब्बर ने चुनाव प्रचार शुरू करते हुए कहा कि जब सपा सरकार ने भूमि अधीग्रहण के माध्यम से किसानों को परेशान करने का काम किया था, तब वो किसानों के हित के लिये लड़े थे। राज बब्बर को भरोसा है कि इस बार गाजियाबाद के किसान उन्हें जरूर वोट देंगे। हालांकि शहरी वर्ग से भी उन्हें खासी उम्मीदें हैं।
राज बब्बर उस वक्त विवादों में आये थे, जब उन्होंने कहा था कि मुंबई में तो 12 रुपए में भरपेट खाना मिल जाता है, तो भारत का गरीब आदमी तो 28 रुपए में दो वक्त का खाना आराम से खा सकता है।
जनरल वीके सिंह
रिटायर्ड जनरल वीके सिंह 63 साल के हैं और हरियाणा के मूल निवासी हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही रहकर उन्होंने शिक्षा ग्रहण की। भाजपा के प्रत्याशी वीके सिंह को विरोधी दल बाहरी व्यक्ति करार देकर उनके वोट काटने की फिराक में हैं। इंडिया अगेंस्ट करप्शन में अन्ना हजारे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले वीके सिंह के लिये गाजियाबाद की राहें इतनी आसान नहीं होंगी, जितनी की पार्टी कार्यकर्ताओं को लग रही हैं।
वीके सिंह को टिकट देने का बड़ा मकसद राजपूत वर्ग माना जा रहा है। वीके सिंह राजपूत हैं और गाजियाबाद राजपूतों का गढ़ माना जाता है, लिहाजा उनसे वोट की काफी उम्मीद की जा रही है।
आप की शाजिया इलमी
कानपुर की मूल निवासी शाजिया इलमी आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी हैं। समाजसेविका शाजिया दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी खड़ी हुई थीं। अब लोकसभा का टिकट मिलने के बाद शाजिया ने सबसे पहले कहा कि गाजियाबाद के साथ होने वाले सौतेले व्यवहार को वो समाप्त करेंगी। उन्होंने कहा कि वो किसी जाति, धर्म, वर्ग आदि के आधार पर वोट मांगने नहीं जायेंगी। उनका मकसद विकास और भ्रष्टाचार मुक्त शासन होगा।
शाजिया को पहले सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली से टिकट दिये जाने का प्लान था, लेकिन उन्होंने यह कहकर इंकार कर दिया था, कि वो रायबरेली में किसी को जानती तक नहीं तो चुनाव कैसे लड़ सकती हैं। जी न्यूज व स्टार न्यूज में पत्रकार रह चुकीं शाजिया आम आदमी पार्टी की सबसे अमीर प्रत्याशी मानी जाती हैं।
समीक्षा: राज बब्बर, शाजिया और वीके सिंह के बीच की जंग काफी रोचक होगी, क्योंकि तीनों ही तीन अलग-अलग क्षेत्रों के हैं। राज बब्बर का राहुल गांधी के करीब होने की वजह से कांग्रेस के खाते में अच्छी संख्या में वोट गिर सकत हैं, जबकि वीके सिंह स्वच्छ छवि की वजह से बाकी दोनों की कड़ी टक्कर दे सकते हैं। वहीं शाजिया की जीत आम आदमी पार्टी की गाजियाबाद में छवि पर निर्भर करेगी। हालांकि केजरीवाल का गृहजनपद होने के नाते उन्हें भी अच्छी संख्या में वोट मिल सकते हैं।
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