मोदी सरकार ने ठुकराई गुजरात की मांग, अहमदाबाद में 'साइंस सिटी' के लिए चाहिए थे 500 करोड़
Gujarat News , गांधीनगर। गुजरात में अहमदाबाद स्थित साइंस सिटी के लिये राज्य सरकार ने केंद्र सरकार समक्ष 500 करोड़ प्रस्ताव रखा था। साइंस सिटी के दूसरे फेज में कुछ नई वैज्ञानिक सुविधाएं प्रदान की जानी हैं, जो राज्य सरकार केंद्र सरकार के खर्चे पर कराना चाहती है। मगर, केंद्र सरकार ने राज्य सरकार का यह प्रस्ताव ठुकरा दिया है। केंद्र के इनकार करने के बाद अब गुजरात सरकार खुद ही प्रोजेक्ट पूरा कराएगी।
मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने ठुकराई गुजरात सरकार की मांग
विज्ञान-प्रौद्योगिकी विभाग से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि राज्य सरकार अपने संसाधनों के माध्यम से ही अब इस प्रोजेक्ट को फलीभूत करेगी। नवंबर 2014 में इसकी शुरूआत हुई थी। तब तय हुआ था कि साइंस सिटी में नई परियोजनाओं जैसे, 'हाउ थिंग्स वर्क' पर एक नई प्रदर्शनी, एक जैव प्रौद्योगिकी पार्क, एक अंतरिक्ष गैलरी, एक मछलीघर, रोबोटिक्स आदि का निर्माण होगा। ऐसे नए उपक्रमों के लिये गुजरात सरकार ने कई बार केंद्र सरकार से बातचीत की। मगर, कोई परिणाम नहीं मिल पाया। वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को केंद्र से जवाब मिला था कि सरकार की वित्तीय सहायता प्रस्ताव अभी लंबित है।'
इतने करोड़ के थे प्रोजेक्ट
केंद्र सरकार के इनकार के बाद गुजरात सरकार ने अपने संसाधनों के जरिए परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। इससे पहले राज्य सरकार ने केंद्र से 'हाउ थिंग्स वर्क' परियोजना के लिए 50 करोड़ रुपये और जैव प्रौद्योगिकी पार्क के लिए 50 करोड़ रुपये की मांग की थी। अंतरिक्ष गैलरी परियोजना के लिए जिसमें एक तारामंडल शामिल था, के लिए 138 करोड़ रुपये मांगे गए थे। इसी तरह प्रस्तावित एक्वेरियम के लिए 257 करोड़ रुपये और रोबोटिक्स प्रोजेक्ट के लिए 127 रुपये की मांग की थी। इनमें से किसी को भी केंद्र ने मंजूरी नहीं दी है।
केंद्र सरकार ने 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता भी नहीं दी
अधिकारी का कहना है कि हमने साइंस सिटी के दूसरे चरण के लिये कुछ प्रस्ताव भेजे थे, जिनमें केंद्र को केवल 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता करनी थी। मगर, सरकार ने इनकार कर दिया। अब हमारे पास हमारी वित्तीय सहायता का ही विकल्प बचा है। हमें लगता है कि गुजरात सरकार अपनी ग्रांट से कुछ महीनों के अंदर ये सभी परियोजनाएं पूरी करेगी।