इंजीनियरिंग से टूट रहा नाता, मेडिकल सिलेबस ही चुन रहे यहां के स्टूडेंट्स, 7 मार्च से 12वीं के एग्जाम
Gujarat News, गांधीनगर। कक्षा 12वीं में साइंस स्ट्रीम के बाद गुजरात में स्टूडेंट्स की मेडिकल सिलेबस के लिए खासा बढ़ोतरी हुई है। यहां निरंतर बढ़ रहे स्टूडेंट्स अब इंजीनियरिंग नहीं बल्कि मेडिकल सिलेबस को प्रायोरिटी दे रहे हैं। बीते दो दशक जबकि इंजीनियरिंग स्ट्रीम टॉप पर था, अब मेडिकल स्ट्रीम में बढ़ी दिलचस्पी की वजह से पीछे चला गया है। यह बदलाव पिछले दो साल से आया है।

गुजरात में इतने मेडिकल स्टूडेंट्स देंगे एग्जाम
राज्य में 7 मार्च से 12वीं के बोर्ड की परीक्षा शुरू हो रही हैं। इस साल यहां बी-ग्रुप में 89760 छात्रों ने दाखिला लिया है, जो पिछले साल की तुलना में 12,872 बढे हैं। वहीं, ए-ग्रुप के छात्रों की संख्या लगातार घट रही है, इसके चलते इंजीनियरिंग कॉलेजों के संचालक सीटें खाली होने का सामना कर रहे हैं।

ऐसे बढ़ी मेडिकल सिलेबस में दिलचस्पी
गुजरात में एमबीबीएस समेत मेडीकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये छात्रों का क्रेज सामने आ रहा है। अभिभावक चाहते हैं कि उनके बेटे या बेटी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लें, तो इस वजह से राज्य में मेडीकल कॉलेजों में कम्पिटीशन बढ़ गया है।

वहीं, 12वीं विज्ञान के बाद इंजीनियरिंग सहित तकनीकी पाठ्यक्रम प्राप्त करने वाले छात्र ए-ग्रुप में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मेथ्स विषयों को पसंद करते हैं। किंतु फिर भी वे 12वीं के बाद मेडीकल या पेरा मेडीकल पाठ्यक्रम में जाना चाहते हैं। 12वीं विज्ञान के बाद इंजीनियरिंग सहित तकनीकी पाठ्यक्रम प्राप्त करने वाले छात्र ए-ग्रुप में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स को पसंद करते हैं, जबकि बी ग्रुप के छात्र जो 12 वीं के बाद मेडिकल-पैरामेडिकल पाठ्यक्रम में जाना चाहते हैं वह फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलोजी पसंद करते है।

ए और बी के बाद ए-बी में भी यह चार विषय शामिल हैं। कुछ छात्र ए-बी ग्रुप पसंद करते हैं और चार विषय की परीक्षा देते हैं। इस वर्ष की बोर्ड की परीक्षा में कुल 14,7302 छात्रों में से ए-ग्रुप में 57511 और बी-ग्रुप में 89760 छात्रों ने दाखिला किया है। पिछले साल बी-ग्रुप में 76888 छात्रों ने दाखिला लिया था।
गुजरात में मेडीकल और पेरा मेडीकल में 35000 सीटें है, जबकि इंजीनियरिंग कॉलेजों में 65000 सीटें है। पिछले साल 34000 इंजीनियरिंग सींटे खाली पडी थीं। इस क्षेत्र में जाने वाले छात्रों में भारी मात्रा में गिरावट आई है। इस साल मेडिकल में 13000 छात्रों की संख्या बढने वाली है, लेकिन राज्य में एमबीबीएस की केवल 3800 सीटें हैं।