मंथन: ओपिनियन पोल का असर क्या चुनावों में मतदाताओं पर पड़ता है?
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाावों से पहले समाचार चैनलों और सर्वेक्षण एजेंसियों के चुनावी सर्वेक्षण आना शुरु हो गए हैं।
नई दिल्ली। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाावों से पहले समाचार चैनलों और सर्वेक्षण एजेंसियों के चुनावी सर्वेक्षण आना शुरु हो गए हैं। मतदान से पहले होने वाले ओपिनियन पोल के नतीजों को लेकर एक वर्ग खुश होता है तो दूसरा नाराज होता है। राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि चुनावों से पहले ओपिनियन पोल से मतदाताओं पर असर होता है। ओपिनियन पोल के जरिए राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को अपने पक्ष में वोट करने में लामबंद करती हैं। क्या आपको भी लगता है कि ओपिनियन पोल के जरिए मतदाताओं को राजनीतिक पार्टियां अपने पक्ष में वोट करने के लिए तैयार कर लेती हैं? या फिर ओपिनियन पोल को मतदाता सिरे से नकार कर अपनी सोच के आधार पर वोट देते हैं। वन इंडिया हिंदी अपने लाखों पाठकों का रुख ओपिनियन पोल को लेकर जानना चाहता है। बताइए हमें अपनी राय जिससे पता चल सके, ओपिनियन पोल को लेकर असल में जनता क्या सोचती हैं? अपनी राय नीचे दिए कमेंट बॉक्स में दें।