इतिहास के पन्नों से- जेएनयू जाने वाली बस नंबर 615
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) माकपा नेता सीता राम येचुरी से लेकर तमाम केन्द्रीय मंत्रियों, आईएएस अफसरों और दूसरे खासमखास लोगों में क्या समानता है जो राजधानी के ही नहीं बल्कि साउथ एशिया के सबसे उम्दा माने जाने वाले जवहारलाल नेहरु यूनिवर्सिटी के छात्र रहे? दरअसल इन सभी ने डीटीसी की बस नंबर 615 में भरपूर सफर किया है। इस 615 बस नंबर का खास मतलब है जेएनयू वालों के लिए।
सफर किया
ये नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से जेएनयू के अंदर कैंपस में जाती है। इसमें सफर करते हुए हुए जेएनयू की कई पीढ़ियों ने कई मंजिलों को तय किया है। हालांकि दिल्ली में बीते सालों-दशकों के दौरान यातायात की सुविधाएं बढ़ीं और मेट्रो रेल ने भी दस्तक दे दी, पर जेएनयू बिरादरी के लिए बस नंबर 615 का खास स्थान बना रहा।
इतिहास के पन्नों- दिल्ली की पहली माडर्न बिल्डिंग के डिजाइनर का नाम लेवा भी नहीं
गहरा संबंध
जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष डा. अमित सेन गुप्ता ने कहा कि करीब 25 साल पहले सहारनपुर से दिल्ली में जेएनयू आने पर उन्होंने इसमें सफर करना शुरू किया था। तब से उनका इस बस से भावनात्मक संबंध बन गया।
कहां से कहां तक
डीटीसी की बस नंबर 615 नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से मिन्टो रोड, सुपर बाजार,जनपथ वगैरह होते हुए जेएनयू कैंपस में पहुंचती है। इसमें यूं तो जेएनयू से संबंध ना रखने वाले भी होते हैं, पर ज्यादातर मुसाफिर जेएनयू के ही रहते हैं।
बस में भी बहस
बस के अंदर जेएनयू वाले देश-दुनिया के सवालों पर गंभीर मंत्रणा कर रहे होते हैं। बहस बीच-बीच में गंभीर भी हो जाती है। हालत ये है कि इसका कंडक्टर भी बहस में शिरकत करने लगता है।
चालीस साल पहले
रूट नंबर 615 करीब चालीस साल पहले नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से जेएनयू कैंपस तक के लिए शुरू की गई थी। उसके बाद से दिल्ली में अनेक बस रूट बंद हुए और कई नए चालू हुए, पर ये रूट जारी रहा।
इसे कभी बंद करके नए रूट करने के बारे में किसी ने नहीं सोचा। शायद इसलिए भी नहीं क्योंकि इस नंबर की बस के रूट को बंद किया तो जेएनयू वाले तगडा हंगामा करेंगे।