Paintings in Indian Constitution: कौन थे नंदलाल बोस, जिन्होंने संविधान में उकेरी भारतीय सांस्कृतिक विरासत
Paintings in Indian Constitution: नंदलाल बोस (1882-1966) को आधुनिक भारतीय कला के दिग्गजों में से एक माना जाता है। उनका जन्म बिहार के मुंगेर-खड़गपुर में हुआ, हालांकि पैतृक घर बंगाल के हुगली में था। नंदलाल को कम उम्र से ही मूर्तिकला एवं चित्रकारी का शौक था, जिसे देखते हुए उनके माता-पिता ने उन्हें कोलकाता के कला विद्यालय में दाखिला दिला दिया। भारतीय चित्रकला में पुनरुत्थानवादी आंदोलन के संस्थापक अबनिंद्रनाथ टैगोर उनके गुरु थे।
नंदलाल ने कला के प्रति अपने समर्पण से सभी को बेहद प्रभावित किया हुआ था। उन्होंने एक विशिष्ट शैली का उपयोग करते हुए भारतीय विषयों को चित्रित करना शुरू किया जोकि अजंता के चित्रों सहित यूरोपीय और पैन-एशियाई दृष्टिकोणों से मिलता-जुलता था।
1910 में बोस ने गवर्नमेंट स्कूल ऑफ आर्ट से अपनी डिग्री प्राप्त की। इसके बाद अबनिंद्रनाथ टैगोर ने उन्हें रबीन्द्रनाथ टैगोर से मिलवाया। कुछ सालों बाद, नंदलाल ने शांतिनिकेतन के विश्वभारती विश्वविद्यालय में स्थापित कला भवन का अध्यक्ष बनने के लिए रवींद्रनाथ टैगोर के निमंत्रण को स्वीकार किया।
1930 में जब महात्मा गांधी को दांडी मार्च के दौरान गिरफ्तार किया गया था तब नंदलाल ने उनकी एक तस्वीर बनाई, जिसमें गांधीजी अपनी छड़ी के साथ चलते हुए दिखाई दे रहे हैं। यहाँ से नंदलाल की भारतीय स्वाधीनता संग्राम में भागीदारी शुरू हुई। दिलचस्प बात यह है कि 1935 में महात्मा गांधी ने नंदलाल से लखनऊ अधिवेशन में कला एवं शिल्प प्रदर्शनी स्थापित करने में सहायता मांगी थी।
स्वाधीनता के बाद, जब भारत की संविधान सभा ने संविधान बनाने का काम पूरा किया तो उसके सदस्यों ने भारतीय सांस्कृतिक विरासतों को संविधान की मूल प्रति में चित्रित करने की मांग की और इस काम के लिए सभी ने सर्वसम्मति से नंदलाल बोस को नियुक्त किया।
नंदलाल बोस और उनके शांतिनिकेतन के साथी कलाकारों ने भारतीय संविधान के लिए 100 से अधिक चित्र तैयार किए। मगर उनमें से सिर्फ 22 चित्रों का चयन किया गया क्योंकि वे भारत के निवासियों के इतिहास एवं विकास के विभिन्न चरणों का प्रतिनिधित्व करते थे।
इन सब चित्रों में मोहनजोदड़ो मुहर, वैदिक गुरुकुल, रामायण और महाभारत के दृश्य, गौतम बुद्ध, महावीर, शिवाजी, गुरु गोबिंद सिंह, टीपू सुल्तान, रानी लक्ष्मीबाई, बौद्ध धर्म, व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने में सम्राट अशोक की भूमिका, आदि शामिल थे। 1954 में नंदलाल बोस को भारतीय संविधान में उनके कार्य के लिए पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया।
आइए देखते हैं उनके द्वारा बनाई गई कलाएं
● सिंधु घाटी सभ्यता
● वीवैदिक आश्रम
● रामायण (श्रीलंका की विजय और सीता माता की वापसी)
● श्री कृष्णा गीता को अर्जुन तक प्रचारित करते हुए
● महावीर के जीवन से दृश्य
● बुद्ध के जीवन से दृश्य
● भारत और विदेश में अशोक द्वारा बौद्ध धर्म का प्रसार
● गुप्ता कला से दृश्य
● विक्रमादित्य की अदालत
● नालंदा विश्वविद्यालय
● नटराज की चित्रकला
● महालबालुरम मूर्तिकला (गंगा के भजन और तेतन और वंश)
● मुगल वास्तुकला के साथ अकबर
● शिवाजी और गुरु गोबिंद सिंह के चित्र
● टिपू सुल्तान और लक्ष्मी बाई के चित्र (ब्रिटिश विजय के खिलाफ उदय)
● महात्मा गांधी
● नेताजी और अन्य देशभक्त भारत को आजाद कराने की कोशिश कर रहे है
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