क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

क्या हैं अमर सिंह-पुरानी शराब, पुराना चावल या एक्सपाइरी डेट की दवा?

Google Oneindia News

अंकुर शर्मा

सीनियर सब-एडिटर
लेखक परिचय- मैं वनइंडिया में सीनियर सब-एडिटर के रूप में कार्यरत हूं। मैं बेहद सकारात्मक यानी पॉजिटिव सोच रखती हूं ओर उसी सोच से मैं अपने भारत को देखती हूं।

मुलायम सिंह यादव के तथाकथित छोटे भाई ठाकुर अमर सिंह की वापसी लगभग तय है। अगर ऐसा हुआ तो यह ना केवल सपा के लिए बल्कि यूपी की राजनीति में बड़ा उलट-फेर होगा। और साथ ही अमर सिंह के व्यक्तित्व की परिभाषा बदल जायेगी। लेकिन अमर सिंह हैं क्या?

Who is Amar Singh: Old Wine, Old Rice or Expiry Medicine?

राजनैतिक पुरोधाओं में उनको लेकर बहस छिड़ गई है। कोई उन्हें पुरानी शराब कह रहा है, तो कोई उन्हें पुराना चावल लेकिन सवाल तो यह है कि कहीं वे एक्सपाइरी डेट की दवा तो नहीं?

पढ़ें- डिंपल की साईकिल को पंचर करने वाले अमर सिंह क्या दौड़ा पायेंगे अपर्णा को?

आईये जानते हैं विस्तार से कि आखिर अमर सिंह असल में हैं क्या, जिन पर इतना कुछ कहा जा रहा है..

पुरानी शराब?

कुछ राजनैतिक पंडितों ने अमर सिंह की तुलना पुरानी शराब से की है। कहते हैं पुरानी शराब का नशा सबसे तेज और बहुत देर तक रहता है और जल्दी उतरता भी नहीं है। ठीक उसी तरह अमर सिंह का नशा सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को भी हो गया है। इसलिए तो तमाम विरोधों के बावजूद भी मुलायम सिंह अपने बिछड़े भाई को गले लगाने के लिये बेकरार हैं।

मुलायम ने अमर सिंह को गले लगा लिया है, लेकिन शायद वो भूल गये हैं कि शराब चाहे नई हो या पुरानी, इंसान को फायदा नहीं नुकसान ही पहुंचाती है। ऐसा न हो कि मुलायम के मयखाने में इस शराब के आते ही राम गोपाल यादव, शिवपाल सिंह और तो और अख‍िलेश यादव से जुड़ाव रखने वाले लोग मुलायम से खफा हो जायें। और अगर ऐसा हुआ तो सीधा असर वोट बैंक पर पड़ेगा।

तस्वीरें बयां कर रही अमर-मुलायम फिर से हो गये हैं एक?

पुराना चावल?

कुछ लोगों की राय में ठाकुर अमर सिंह, पुराने चावल की तरह हैं, जिसकी खुशबू और स्वाद दोनों में काफी दम होता है। मुलायम सिंह को भी शायद ऐसा ही लगता है। उन्हें लगता है कि इस बासमाती चावल की खुशबू से वोटर खिंचे चले आयेंगे। वैसे इस चावल को पकाने के सारे इंतजाम मुलायम ने कर लिये हैं। और एक बात तो तय है कि इसकी खुशबू से ठाकुरों का वोट जरूर खिंचा चला आयेगा। लेकिन हां ब्राह्मणों, मुसलमानों और दलितों का इस चावल से पेट भरेगा, यह कहना अभी मुश्क‍िल है।

एक्सपाइरी डेट?

कुछ लोगों ने अमर सिंह की तुलना उस एक्सपाइरी डेट की दवा से की है, जिसे खाने से कोई फायदा नहीं होने वाला। अगर वाकई में इस दवा में दम होता तो लोकमंच पूरे यूपी में न सही, पश्च‍िमी उत्तर प्रदेश में अपना दबदबा बना चुकी होती। और आपको याद होगा रालोद के अजित सिंह ने पिछले चुनाव में इसी दवा की खुराक ली थी। उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ था।

अमर सिंह फायदेमंद साबित होंगे सपा के लिए?

अब सपा सुप्रीमो भी इसी दवा की खुराक लेने जा रहे हैं। हमारी कामना है कि इससे समाजवादी पार्टी के स्वास्थ्य को लाभ हो, लेकिन भगवान न करे अगर इस दवा का गलत रिएक्शन हो गया, तो मित्र आजम खान का वोटबैंक सपा के खाते से बाहर हो जायेगा।

Comments
English summary
Expelled SP leader Amar Singh is all set to rejoin the Samajwadi party six years after his expulsion in January, 2010. So just check out how Amar Singh's comeback could affect SP.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X